आखिरी ख़त

   

                                                                            


                                             

आखिरी ख़त

एमिली को हमेशा अपनी सुबह की दिनचर्या में सुकून मिलता था। एक कप चाय, सूरज की पहली किरणें, और दुनिया के जागने से पहले की शांति। यह एक आदत थी जिसे उसने अपने पति, टॉम, के साथ तीस से अधिक वर्षों तक साझा किया था। लेकिन अब, वह अकेली थी, और हर गुजरते दिन के साथ यह शांति और भारी होती जा रही थी।

पाँच साल पहले टॉम को अल्जाइमर की बीमारी का पता चला था। शुरू में यह छोटी-छोटी बातें थीं—चाबियाँ भूल जाना, किसी का नाम याद न आना। लेकिन धीरे-धीरे बीमारी ने उसकी यादों को इस कदर धुंधला कर दिया कि वह अपनी ही ज़िंदगी के अजनबी बन गए। एमिली ने हर दिन उनके साथ रहते हुए, धीरे-धीरे उन्हें खोते हुए देखा। उनके चेहरे की वो मुस्कान, जो एक समय में उसका सारा दुख मिटा देती थी, अब खो सी गई थी।

टॉम अक्सर पुराने दिनों की बातें किया करते थे—उनकी पहली मुलाकात, उनका पहला घर, उनके बच्चे। लेकिन अब, वह अपने ही घर को पहचान नहीं पाते थे। एमिली ने उन्हें संभालने की पूरी कोशिश की, पर उनके चेहरे पर छाई हुई उलझनें उसे हर दिन तोड़ देती थीं।

एक दिन, जब टॉम अपनी कुर्सी पर बैठे हुए थे, एमिली ने एक पुरानी डायरी निकाली। यह टॉम की डायरी थी, जिसमें उसने अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को लिखा था। एमिली ने एक पन्ना खोला और पढ़ने लगी:

"आज मैंने एमिली को प्रपोज़ किया। उसकी आँखों में आँसू थे, लेकिन उसने हाँ कहा। मुझे लगता है, मैंने अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा खज़ाना पा लिया है।"

एमिली की आँखें भर आईं। वह जानती थी कि वह टॉम को वापस नहीं पा सकती, लेकिन उसकी यादें उनके बीच की दूरी को थोड़ा कम कर देती थीं। उसने डायरी को बंद किया और टॉम के पास बैठ गई। उसने टॉम का हाथ अपने हाथों में लिया और कहा, "तुम्हें याद है, तुमने मुझसे कहा था कि तुम मुझे कभी नहीं भूलोगे?"

टॉम ने उसकी ओर देखा, लेकिन उसकी आँखों में कोई पहचान नहीं थी। एमिली का दिल टूट गया, लेकिन वह जानती थी कि अब यही उसकी सच्चाई थी। उसने धीरे से टॉम के सिर पर हाथ फेरा और उसे अपनी बाहों में भर लिया।

अगले दिन, एमिली को टॉम की कुर्सी पर एक लिफ़ाफ़ा मिला। यह वही ख़त था, जो टॉम ने उनकी शादी के दिन उसे लिखा था, जिसमें उसने वादा किया था कि वह हमेशा उसके साथ रहेगा। एमिली ने वह ख़त खोला और पढ़ा, "चाहे जो भी हो, मैं हमेशा तुम्हारे दिल में रहूंगा।"

एमिली ने वह ख़त अपने दिल से लगा लिया, आँखों से आँसू बह निकले। वह जानती थी कि टॉम अब उस दुनिया में नहीं है, जहाँ वह उसे पहचान सके, लेकिन उसका प्यार अब भी उसके साथ था, हमेशा के लिए।


यह कहानी उन कठिनाइयों और दुखों की है, जो एक व्यक्ति अपने प्रियजन को खोते हुए महसूस करता है। यह उस अटूट प्रेम की कहानी है, जो समय और यादों के साथ भी बना रहता है.



                                                                                


                                                                        

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