प्राचीन भारत : स्मरणीय तथ्य ( jssc exam और Jpsc(pt),के लिए इम्पोर्टेन्ट free pdf के साथ )

 

भारत का इतिहास

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प्राचीन भारत : स्मरणीय तथ्य

प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी हमें जिन स्रोतों से प्राप्त होती है वे है-साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक स्रोत एवं विदेशी यात्रियों के विवरण।

प्राचीन साहित्य तीन भागों में विभाजित किए गए, हैं- 1. ब्राह्मण साहित्य, 2. बौद्ध साहित्य और 3. जैन साहित्य

वेद हिन्दू धर्म के प्राचीनतम ग्रन्थ हैं जिनसे तत्कालीन आर्य सभ्यता के समाज और धर्म पर प्रकाश पड़ता है।

वेद चार है- ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद

ऋग्वेद सबसे प्राचीन ग्रन्थ है, जिससे पूर्व वैदिक आर्यों के जीवन, समाज, धर्म और राज्य आदि पर विशद प्रकाश पड़ता है। इसका समय प्राय: 1200 ई. पूर्व माना जाता है।

ऋग्वेद के कुल सूक्तों की संख्या 1028 और मंत्रों की संख्या 11000 है।

सामवेद की ऋचाओं की संख्या 1549 है। इसकी 75 ऋचाएँ ऋक्संहिता से अलग और स्वतन्त्र हैं।

'आरण्यक' 'अरण्य' (जंगल) से बना है। इसमें यज्ञ के आध्यात्म्य तत्व की व्याख्या की गई है।

सूत्र साहित्य के तीन भाग है-कल्पसूत्र, गृहसूत्र और धर्मसूत्र।

महाभारत का प्रणयन वेद व्यास ने किया था। इस ग्रन्थ के जय, भारत और महाभारत नामक तीन संस्करण हुए हैं। इसमें इतिहास उपाख्यान, उपदेश, दर्शन आदि का संकलन है।

पुराणों की संख्या अट्ठारह (18) है, जो भिन्न-भिन्न समयों पर रचे गए। ब्रहा-पुराण, पद्म पुराण, विष्णु-पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण, लिंग-वाराह-पुराण, स्कन्द-पुराण, वामन-पुराण, कूर्म-पुराण, मत्स्य-पुराण, गरुण-पराण और ब्रह्माण्ड-पुराण।

इनके अतिरिक्त उन्नतीस उपपुराण भी हैं।


प्राचीन नदियों के नाम


प्राचीन नाम नया नाम
प्राचीन नामसिन्धु नया नामइन्दुस
प्राचीन नामगोमती नया नामगोमल
प्राचीन नामस्वस्तु नया नामस्वात
प्राचीन नामदृषद्धती नया नामघग्घर
प्राचीन नामसरस्वती नया नामसरसुती
प्राचीन नामकुभा नया नामकाबुल
प्राचीन नामक्रुमु नया नामकुर्रम
प्राचीन नामवितस्ता नया नामझेलम
प्राचीन नामपरुष्णी नया नामरावी
प्राचीन नामअस्किनी नया नामचिनाब
प्राचीन नामशतुद्रि नया नामसतलज
प्राचीन नामविपाशा नया नामव्यास

कश्मीरी कवि कल्हण लिखित राजतरंगिणी ऐतिहासिक ग्रंथों में सर्वप्रथम है। इसमें कश्मीर के अतीत से लेकर कल्हण के काल (बारहवीं सदी) तक का इतिहास सन्निविष्ट है।

त्रिपिटक बौद्ध धर्म का आधारभूत साहित्य है, जिसके माध्यम से समाज और धर्म का चित्र उभरता है तथा सामाजिक और धार्मिक इतिहास का निर्माण होता है।

मोहनजोदड़ो हड़प्पा, कालीबंगा, रोपड़ आदि स्थानों से प्राप्त सामग्री प्रागैतिहासिक युग से समाज, धर्म और कला को उद्घाटित करती हैं।

मेगास्थनीज सर्वाधिक विख्यात यूनानी लेखक था, जो सेल्यूकस का राजदूत बनकर सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के राजदरबार में आया था। उसने तत्कालीन भारतीय समाज और संस्कृति के अपने ग्रंथ 'इंडिका' में विस्तृत विवरण दिया।

फाहियान, ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि प्रमुख चीनी यात्री थे जिन्होंने अपनी भारत-यात्रा का विवरण तैयार किया ।

ह्वेनसांग 629 ई. में सम्राट हर्षवर्धन के काल में भारत आया था।

अलबरुनी नामक अरबयात्री ने भारतीय समाज, धर्म और संस्कृति से सम्बन्धित 1030 ई. में 'तहकीक-ए-हिन्द' नामक एक वृहत् ग्रंथ की रचना की।

महाभारत का रचनाकाल 400 ई. पू. से 400 ई. तक माना जाता है। इसे 'जय संहिता' तथा 'शतसाहस्त्री संहिता' भी कहते हैं।

रामायण की रचना ई. पू. पाँचवीं शताब्दी में शुरू हुई थी।

शाहीवाल जिले के हड़प्पा नामक पुरास्थल से ज्ञात होने के कारण, इस सभ्यता को 'हड़प्पा-सभ्यता' के नाम से भी जाना जाता है।

हड़प्पा के अन्नागार में 12 कक्ष थे- जो छ: छ: की दो पंक्तियों में बने थे ।

हड़प्पा के प्रत्येक घर में कमरे तथा आँगन होते थे। कुएँ नहीं प्राप्त हुए हैं।

मोहनजोदड़ो के ध्वंशावशेष पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित हैं।

राजस्थान के गंगानगर जिलें में कालीबंगा नामक महत्वपूर्ण पुरास्थल स्थित

हैं। इसकी खोज सन् 1961 में अमलानन्द घोष ने की थी।

सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल



महत्वपूर्ण स्थल वर्तमान स्थिति उत्खनन कर्त्ता वर्ष
महत्वपूर्ण स्थलहड़प्पा वर्तमान स्थितिमांटगुमरी पंजाब (पाकिस्तान) उत्खनन कर्त्तादयाराम साहनी वर्ष1921
महत्वपूर्ण स्थलमोहनजोदड़ो वर्तमान स्थितिसिंध (पाकिस्तान) उत्खनन कर्त्ताराखालदास बनर्जी वर्ष1922
महत्वपूर्ण स्थलकालीबंगा वर्तमान स्थितिहनुमानगढ़ (राजस्थान) उत्खनन कर्त्ताअमलानन्द घोष वर्ष1953
महत्वपूर्ण स्थलसुरकोटदा वर्तमान स्थितिबलूचिस्तान (दशक नदी) उत्खनन कर्त्ताजगतपति जोशी वर्ष1964
महत्वपूर्ण स्थलचन्हूदड़ो वर्तमान स्थितिसिंध (पाकिस्तान) उत्खनन कर्त्ताएम. जी. मजूमदार वर्ष1931
महत्वपूर्ण स्थललोथल वर्तमान स्थितिअहमदाबाद (गुजरात) उत्खनन कर्त्ताएस. आर. राव वर्ष1957
महत्वपूर्ण स्थलसुतकागेंडोर वर्तमान स्थितिबलूचिस्तान (दशक नदी) उत्खनन कर्त्ताजार्ज डेल्स वर्ष1962
महत्वपूर्ण स्थलकोटदीजी वर्तमान स्थितिसिंध (पाकिस्तान) उत्खनन कर्त्ताफजल अहमद खाँ वर्ष1955
महत्वपूर्ण स्थलबनवाली वर्तमान स्थितिहिसार (हरियाणा उत्खनन कर्त्तारवीन्द्र सिंह विष्ट वर्ष1973
महत्वपूर्ण स्थल वर्तमान स्थिति उत्खनन कर्त्ता वर्ष


कालीबंगा में हल से जुते खेत के साक्ष्य मिले हैं।

कालीबंगा में काले रंग की मिट्टी की चूड़ियाँ प्राप्त हुई हैं, शायद इसीलिए इसका नाम कालीबंगा रखा गया ।


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