jharkhand ke pramukh khanij sansadhan or uske chetra | झारखण्ड के प्रमुख खनिज संसाधन और उसके क्षेत्र
jharkhand ke pramukh khanij sansadhan or uske chetra | झारखण्ड के प्रमुख खनिज संसाधन और उसके क्षेत्र (Major Mineral Resources of Jharkhand and its Areas)
खनिज संसाधन की दृष्टि से झारखण्ड भारत का एक समृद्धशाली राज्य है। जहाँ देश के कुल उत्पादित खनिजों का 1/4 से ज्यादा भाग प्राप्त होता है। इसी महत्ता को देखते हुए झारखण्ड को "भारत के रूर प्रदेश" के नाम से विभूषित किया जाता है।
झारखण्ड में
पाये जाने वाले खनिजों का विवरण निम्न है-
1. कोयला- झारखण्ड में
कोयला गोण्डवाना कालीन निक्षेप के रूप में पाया जाता है। कोयले के भण्डार एवं उत्पादन की दृष्टि से
देश में इसका स्थान क्रमशः पहला एवं दूसरा है। यहाँ से कोयले का उत्खनन दामोदर घाटी क्षेत्र, हजारीबाग कोयला क्षेत्र, उत्तरी कोयल घाटी कोयला क्षत्र, अजय नदी घाटी कोयला
क्षेत्र, राजमहल कोयला
क्षेत्र से की जाती है।
यहाँ के प्रमुख कोयला खानों में झरिया, बोकारो, कर्णपुरा, पिपरवार, रजरप्पा, परेज
ईस्ट,
तीन बोर्ड, बेरमो, फुसरो, ललमटीया, रजहरा इत्यादि प्रमुख
है। भारत की प्रमुख कोकिंग कोल का उत्पादन धनबाद की झरिया खान से की जाती है।
इसके अलावा कोयला खान की दृष्टि से सर्वाधिक खान झारखण्ड प्रदेश में ही
स्थित है तथा बोकारो के
करगली में एशिया की सबसे बड़ी कोल वाशरी स्थापित की गई है। झारखण्ड में मुख्यतः बिटुमिनस प्रकार के कोयला का उत्खनन किया जाता है।
2. अभ्रक- अभ्रक आग्नेय एवं कायंतरीत चट्टानों के सिरों में पाई जाती है। प्रदेश के कोडरमा, हजारीबाग, गिरीडीह जिलों में अभ्रक
के प्रयाप्त भण्डार
पाये जाते है एक अनुमान के अनुसार सम्पूर्ण देश का 50 प्रतिशत से अधिक अभ्रक का भण्डार झारखण्ड में पाया जाता
है। यहाँ पाये जाने
वाले अभ्रक मक्सोवाइट प्रकार के है।
3. लौह- अयस्क झारखण्ड के
धारवाड़कालीन चट्टानों के नशों में लौह-अयस्क के भण्डार पाये जाते है। इस प्रकार की चट्टानी
संरचना का विस्तार एक विस्तृत
पट्टी के रूप में सिंहभूम एवं सरायकेला खरसावा के क्षेत्र में पाया जाता है।
यहाँ प्राप्त लौह-अयस्क
मुख्यतः हेमेटाईट किस्म के है। जिसमें
लौहान्श की मात्रा 65 से 70
प्रतिशत होती है। यहाँ के प्रसिद्ध लौह अयस्क खानों में नवामुण्डी, किरीबुरू, गुआ, दोगलाबेरा, सिंदुरपुर, चिरीया, प्रमुख है। लौह-अयस्क के भण्डार की समीप्ता के
कारण बोकारो, जमशेदपुर में देश
के प्रमुख लौह इस्पात संयंत्र को स्थापित किया गया है।
4. बॉक्साइट- बॉक्साइट से
बहुमुल्य खनिज एलुमिनियम का निष्कर्षण किया जाता है। प्रदेश के गुमला, लातेहार, लोहरदगा जिलों के
क्षेत्रों से बॉक्साइट का उत्खनन किया जाता है। झारखण्ड के राँची
जिले के मुरी नामक स्थान पर एलुमिनियम
संयंत्र से भारत लगभग 16 प्रतिशत से ज्यादा एलुमिना का उत्पादन किया जाता है।
5. मैग्नीज- लौह-इस्पात उद्योग
में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होने वाली धातु मैग्नीज का उत्खनन धारवाड़ युग की चट्टानों से की
जाती है। प्रदेश में
इसका उत्खनन जामदा, गुआ, नवामुण्डी, चाईबासा के निकटवर्ती क्षेत्रों से
किया जाता है।
6. तांबा- झारखण्ड तांबा का प्रमुख उत्पादक राज्य है
जहां देश के कुल तांबा भण्डार का 18 प्रतिशत पाया
जाता है। यहां तांबा अयस्क के जमाव 140 किमी की लम्बाई में दुआरपुरम
से बाहरागोड़ा तक और लोटा पहाड़
भ्रंश के सहारे सिंहभूम जिले में पाये जाते है।
यहां मोसाबनी, राखा, धोबानी, पात्थरगोड़ा, वामापहाड़, तुरमडीह से इसका निष्कर्षण होता है। सिंहभूम के घाटशीला में इण्डयन
कॉपर कारपोरेशन कंपनी
का कारखाना स्थित है।
7. क्रोमियम- क्रोमाईट अयस्क
से क्रोमियम धातु का निष्कर्षण किया जाता है। इसका उपयोग धातु शोधन, तापरोधी कार्यों तथा
रसायनिक उद्योगों में किया जाता है। इसका मुख्य भण्डार
सिंहभूम एवं सरायकेला जिले में पाये जाते
है।
8. टंगस्टन- झारखण्ड के
हजारीबाग जिले एवं सिंहभूम जिले से टंगस्टन प्राप्त किया जाता है। सिंहभूम जिले में स्थित कालीमाटी क्षेत्र इसके उत्खनन का
प्रमुख स्थल है।
9. शीशा- झारखण्ड की
हजारीबाग स्थित नयाटाड़, बरगुण्डा एवं बारामसीया से संथाल परगना
में साकापहाड़ी तथा पलामू,
रांची और सिंहभूम
जिलों से झिटपुट रूप में शीशा की प्राप्ति होती है।
10. टिन- केसिटेराईट नामक
खनिज से प्राप्त किया जाने वाला यह खनिज पदार्थ झारखण्ड प्रदेश के हजारीबाग, पलामू, राँची, सिंहभूम जिलों से प्राप्त की जाती
है।
11. सोना- सोना आग्नेय एवं
कायन्तरित चट्टानों के नसों में पायी जाने वाली एक बहुमूल्य खनिज है। झारखण्ड के पठारी भाग से
प्रवाहित होने वाली कुछ नदियों जैसे स्वर्णरेखा, दक्षिण कोयल इत्यादि के रेत में सोने के कण पाये जाते है। रांची के तमाड़
क्षेत्र से सोने के भण्डार का पता चला है।
12. चाँदी- झारखण्ड में
चांदी की प्राप्ति हजारीबाग, पलामू, रांची और सिंहभूम जिले से होती है। यह बहुमूल्य खनिज जस्ता, तांबा, के उत्खनन क्षेत्रों में मिश्रित रूप में पाई
जाती है।
13. यूरेनियम- यूरेनियम उच्च
शक्ति का अणु शक्ति खनिज है। झारखण्ड में इसकी प्राप्ति धारवाड़
एवं आर्कियन श्रेणी की शैलों से
होती है। सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा, नवापहाड़ खनन क्षेत्र से प्राप्त किया जाता है। यहां यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इण्डिया
का मुख्यालय भी स्थापित है।
14. चूना पत्थर- चूना पत्थर
सीमेंट उद्योग का एक मुख्य कच्चा माल है। प्रदेश में इसका उत्खनन हजारीबाग, रांची, पलामू, रामगढ़ एवं पूर्वी सिंहभूम से की
जाती है।
15. कायनाइट- यह खनिज फायरक्ले की तरह अग्निरोधक का कार्य करता है। लोहे
गलाने की भट्ठियों में इसका स्तर दिया जाता है। सिंहभूम के लिप्साबुरू
क्षेत्र में इसका विशाल भण्डार
पाया गया है। इसके अलावा सरायकेला के शिवाईपहाड़ी से भी इसके भण्डार मिले है।
16. वेनेडियम- इस्पात उद्योग
में प्रयुक्त होने वाला यह प्रमुख खनिज है। जिसकी प्राप्ति सिंहभूम के
दुबलापारा एवं दुबला बेटा के खानों से
की जाती है।
झारखण्ड से प्राप्त होने वाली अन्य खनिजों में ग्रेफाइट, फायरक्ले, डोलोमाइट, एस्बेस्टस, फेलस्पार, सोप स्टोन, बाईराइट, एपाटाईट, कोबाल्ट, ईमारती पत्थर
इत्यादि प्रमुख है।
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