किसान की ईर्ष्या (कहानी )|farmer's jealousy


किसान की  ईर्ष्या

किसान की  ईर्ष्या कहानी


एक बार की बात है एक सुदूर गाँव में एक किसान रहता था | उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही  खराब थी | उसके पास एक छोटा –सा खेत था | जिसमे वो कुछ सब्जियां उगता था ,जिससे उसके घर का गुजर – बसर होता था |

गरीबी के कारण उसके पास धन की हमेशा कमी रहती थी। वह बहुत ईर्ष्यालु स्वभाव का था। इस कारण उसकी अपने अड़ोसी-पड़ोसी व रिश्तेदारों से बिल्कुल नहीं निभती थी।

 

जैसे -जैसे समय बीतता गया किसान की उम्र ढलने लगी ,और वो खुद से खेती भी नही कर  पा रहा था | उसके पास खेत जोतने के लिए कोई बैल भी नहीं था |

वो परेसान रहने लगा | सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था। खेत में या आस-पास कोई कुआं भी नहीं था, जिससे वह अपने खेतों की सिंचाई कर सके |

एक दिन शाम के समय जब वो अपने खेत से काम करके वापस आ रहा था तब , उसे एक दाढ़ी वाला एक बूढ़ा 👴  मिला। बूढ़ा बोला- "क्या बात है भाई, बहुत दुखी जान पड़ते हो?"

किसान ने अपनी सारी समस्या उस बूढ़े आदमी को बता दिया | उसने बोला मेरे पास खेती के लिए कोई साधन ही नही है अगर मेरे पास एक बैल होता तो मैं खेत का सारा काम  जुताई, बुआई और सिंचाई ये सब आराम से कर लेता |

इसी बात पर उस बूढ़े आदमी ने बोला की अगर मै तुमको एक बैल दे दू ,तो तुम क्या करोगे | इस पर वो किसान बोला तब मेरी खुशी 😃 का ठिकाना नहीं रहेगा। मेरी खेती की सारी समस्या दूर हो जाएगी | पर बैल मुझे मिलेगा कहां से मेरे पास तो पैसे ही नही है , किसान बोला।

वो बुढा आदमी बोला की मै तुम्हें एक बैल दूंगा, पर मेरी एक शर्त है और ये अगर मानोगे तो |

इस पर किसान बोला ठीक है बताइए शर्त क्या है तो वो आदमी बोला अपने पड़ोसी को बोलो कल मेरे पास आये और मुझसे दो बैल ले कर जाये |

बूढ़े की ये बात सुनकर किसान को अन्दर ही अन्दर  गुस्सा 😠 आने लगा | वो ईर्ष्या के कारण गुस्से से बोला आपको पता भी है – मेरे पड़ोसी के पास सब कुछ है उसे किसी चीज की कमी नही है |

 

यदि आप मेरे पड़ोसी को दो बैल देना चाहते हैं तो मुझे एक बैल भी नहीं चाहिए।"

 

बूढ़े ने बैल को अपनी ओर खींच लिया और कहा- "क्या तुम जानते हो कि तुम्हारी समस्या क्या है? तुम्हारी समस्या गरीबी नहीं ईर्ष्या है। 💥

तुम्हें जो कुछ मिल रहा है, यदि तुम उसी को देखकर संतुष्ट हो जाते और पड़ोसियों व रिश्तेदारों की सुख-सुविधा से ईर्ष्या नहीं करते तो... शायद संसार में सबसे ज्यादा सुखी इंसान बन जाते।" इतना कहकर बूढ़ा जंगल में ओझल हो गया। 👀

किसान मनुष्य की ईर्ष्यालु प्रवृत्ति के बारे में सोचने लगा ।...👇


इसी लिए किसी ने कितनी अच्छी बात बोली है... ईर्ष्या एक ऐसी भावना है जो दूसरे का नहीं बल्कि स्वयं का नुकसान करती है। 🙏


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