गलतफहमी ( कहानी ) | the misunderstanding (story)


गलतफहमी...💔

गलतफहमी ( कहानी )


आज आखिरकार करीब पांच साल बाद नैना और राहुल का तलाक हो गया | कोर्ट परिसर में दोनों के हाथों में एक कागज था , नैना के हाथ में जो कागज था उसमे दहेज के समानों का नाम लिखा हुआ था | 

जो उसकी शादी में उसके माँ पापा  ने उसे  दिया था जिसे राहुल के पास से लेना था | इधर राहुल के हाथ में जो कागज था उसमे गहनों का लिस्ट था ,जो की शादी में नैना को इसके घरवालो ने दिया था |

दोनों के चेहरों पर कोई ख़ुशी नही थी जिस तलाक के लिए वो दोनों पांच साल से परेशान थे | न जाने इनदोनों के वकीलों  ने कितने ही आरोप – प्रत्यारोप एक दुसरे पर लगाया | आज जब दोनों का तलाक हो गया तो इनदोनों के अलावा सब खुश थे दोनों वकील , कुछ रिश्तेदार , नैना के माँ बाप इधर राहुल के भैया – भाभी , इसका वकील |

दोनों अंतिम बार एक साथ टेबल पर बैठ कर एक साथ कुछ बचे हुए क़ानूनी कागजों पर साइन किये | दोनों के साइन जरुर साथ –साथ थे लेकिन इस साइन होने के बाद वो एक –दूसरें से मिलों दूर हो गये थे |

राहुल ने नैना को उदासी ☹ भरें नजरों से देखा ....

एक अरसे के बाद तुझे देख कर,

कुछ सवाल से दिल में आते है,

बेइन्तेहाँ मोहब्बत के बाद भी

क्या दो लोग जुदा हो जाते है....💔

कोई कैसे यकीन करेगा की यही दोनों अपनी पसंद की शादी के लिए पुरे घर –परिवार से लड़ गये थे और आज एक छोटी से गलतफहमी ने इनके प्यारे से घर को तबाह कर दिया |

नैना और राहुल साथ कॉलेज में पढ़ते थे , राहुल नैना से सीनियर था | इंदौर में नैना का घर था राहुल अपने गाँव से यहाँ पढ़ने आया था , काफी शर्मिला स्वभाव का था , नैना इसके उल्ट बेबाक थी |

वैसे भी विज्ञान का नियम है विपरीत चीजें एक दुसरे को अपनी और आकर्षित करती है | वैसे ही इन दोनों के साथ हुआ , कॉलेज के एक पार्टी के  दौरान दोनों की दोस्ती हुई ....💞

और धीरे – धीरे दोनों में प्यार हो गया 💫  | लेकिन जब शादी की बाद आई तो क्योंकी  नैना अपनी माँ – बाप की इकलौती  संतान थी वो चाहते थे की उसकी शादी किसी दुसरे के साथ हो |

इधर राहुल के परिवार वाले गाँव के थे उन्हें अपने जाति – समाज की चिंता थी | काफी खिंचतान  के बाद आधे –अधुरें मन से ही  सही दोनों के घरवालों ने दोनों की शादी करवाई |

इंदौर में ही राहुल की नौकरी लग गई और दोनों हंसी –ख़ुशी साथ रहने लगे , कभी- कभी नैना की माँ उनलोगों से मिलने आती थी क्योंकि नैना के  माँ –पापा का घर और उसका फ्लैट ज्यादा दूरी पर नही थे |

शादी के बाद भी उसके माँ – पापा नही चाहते थे कि दोनों साथ रहे | हर बात पर राहुल को कम आंकना जिससे की उसकी बेटी उसे छोड़ दे | लेकिन नैना  इन बातों को हंसी में टाल देती थी |

उधर राहुल के भैया – भाभी भी नैना को ज्यादा मॉडर्न  बता कर , राहुल के मन में ये शक पैदा करते थे की वो तुम्हारा साथ ज्यादा दिन नही निभाएगी | लेकिन इन सब के बावजूद दोनों प्यार से एक साथ रह रहे थे |

एक साल के बाद उनदोनों के जीवन में इक  नन्हा मेहमान उनका बेटा  सोनू आया | लेकिन न जाने आखिर किसकी नजर इनके हसंते खेलते परिवार को लग गई |

राहुल को उसके दोस्तों ने  ऑफिस पार्टी में थोड़ी शराब पिला दी | क्योंकि उसने इससे पहले कभी शराब नही पी थी तो उसको कुछ ज्यादा ही नशा हो गया |

ऑफिस के लोग राहुल को उसके घर पहुचा आये | नैना को राहुल का शराब पीना अच्छा नही लगा और उनदोनों में बहस शुरू हो गई | इसी बहस के दौरान राहुल ने एक थपड़ नैना को मार दिया , जो की इनदोनों के बीच दूरी की वजह बन गया  |

नैना ने गुस्से में अपनी माँ को कॉल कर दि , उसके माँ पापा आकर उसे ले गये फिर चल पड़ा आरोपों का सिलसिला उसकी माँ बोली मुझे तो पहले से पता था की वो ऐसा है |

इधर जब राहुल के घर वालों को पता चला तो वो बोले एक थपड में उसने घर छोड़ दिया | इन सबों के बीच पिस रहा था तो वो था उनका दो साल का बेटा सोनू किसी को उसका कोई ख्याल नही था सब अपने आप को उसका हितेषी  समझ कर उसे सलाह दे रहे थे .....

की उस पर केस कर दो तभी उसे पता चलेगा , उसने हाथ कैसे उठाया तुम पर |

और आज उसका परिणाम था कि का पांच सालों बाद दोनों का तलाक हो रहा था |

अचानक गाड़ी के हॉर्न की आवाज आई नैना और उसकी माँ उस पर बैठ कर आखिरी बार राहुल के घर जा रहे थे |

नैना का मन उदास हो गया उसकी माँ उसको समझा रही थी की जो हुआ अच्छा हुआ उस शराबी से जान छुटी तुम्हारी |

कुछ देर बाद वो दोनों राहुल के फ्लैट पहुचे जहाँ वो पहले से आकर इनदोनों का इंतज़ार कर रहा था | नैना को देखते हुए उसने बोला की तुम्हें जो चहिये वो जाकर ले लों और ये गहने तुमको देने की जरूरत नही है...आने वाले समय में ये तुम्हारे काम आयेगे |

ये सुनकर नैना बस एकटक राहुल को देखते ही रह गई | उसकी धडकनें तेज हो गई ..

काश… !!! मैं तुझसे फिर वो बात कह पाती ,

तेरी  हूँ और बस तेरी  ही बनकर मैं रह जाती ।

आसू भरे आँखों से उसने चारो तरफ देखा सारा कमरा बिखरा पड़ा था  राहुल आज भी अकेले इस फ्लैट में रहता था  उसके माँ बापूजी  गाँव में रहते थे उसके भैया – भाभी कभी-कभी आकर उससे मिल लेते थे |

उसका दहेज का सारा सामान स्टोर रूम में पड़ा हुआ था  , नैना खुद ही तो वो सारे सामान को  ओल्ड फैशन बोल कर  रख दी थी | आज वही सामान लेने आई है |

उसने सारे कमरों को गौर से देखा सब कैसा गन्दा पड़ा हुआ है कमरों के कोनों में जाले लगे हुए है , कैसे उसे गंदगी पसंद नही थी हर दिन कितना समय लगा कर वो सफाई करती थी |

उसने छोटा सा बगीचा बना रखा था  जिसमें वो दोनों हर शाम चाय पीते  हुए घंटो पुरानी यादों में खो जाते थे है |

और आज ये सब गन्दा देखकर लग रहा है जैसे सालो से किसी ने सफाई नही की हो | उसका लगाया हुआ फुल ,तुलसी का पौधा सब सुख गया है |

उसने राहुल से पूछा की क्या तुम यहाँ सफाई नही करवाते थे देखो सारें पौधें कैसे सुख गये है |

राहुल उदास होकर बोला जब तुम ही नही थी तब , इन सब का कोई मतलब नहीं  था मेरे लिए ...

ये बोल कर वो कमरे में चला गया |

इन बातों को सुनकर वो धम से सोफे पर बैठ गई और सोचने लगी की कैसे राहुल उस झगड़े के बाद भी मुझे मनाने और घर साथ ले जाने आया था |

तब कुछ झूठे रिश्तेदारों और कुछ मायके के लोगों की बातों में आकर मैं साथ नहीं गई. उल्टा उनको दहेज के झूठे केस में धोखे से फंसा दिया |

इसमें किसी का क्या बिगड़ा पहली बार कोर्ट में बहुत सारे  रिश्तेदार आये थे धीरे धीरे वक्त के साथ लोग कोर्ट आना बंद कर  दिए अंत में सिर्फ माँ आई थी | किसी ने सच की कहा है ...

गुरूर और गुस्सा रिश्तों की

अहमियत समझने नहीं देता है,

जुदाई दोनों को बराबर सजा देता है..,

काश उस वक्त मैंने जल्दीबाजी में माँ को कॉल नही किया होता तो आज हमदोनों साथ होते | वो रोते हुए सोफे से उठी और  राहुल के पास गई और उसने कहा कि क्या ऐसा नही हो सकता है कि हम फिर से साथ रह सके |

राहुल ने आशा भरी नजरों से उसको देखा और बोला क्यों नही हो सकता है | लेकिन तुम्हारे माँ जो साथ आई है उनका क्या , नैना बोली अब हमे किसी से कोई मतलब नही है |

हम अपनें बीच में अब किसी को नही आने देगे ये बोलते हुए दोनों रोने लगे और एक दुसरे को गले लगा लिये 👫 | उधर नैना की माँ नैना को आवाज लगा रही थी की बहुत देर हो गया है जल्दी चलो |

लेकिन उनकी बाते अब इन्हे सुनाई नही दे रही थी दोनों ने एक दुसरे से माफ़ी मांगी और फैसला किया की अब वो एक –दुसरे  से कभी अलग नहीं  💕 होगे | नैना ने मजाकिया लहजे 😃 में पूछा की कितना प्यार करते हो अभी भी मुझसे

राहुल ने नैना से कहा ..

ये मत पूछो कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ?

बस इतना जान लो कि, बस तुमसे करता हूँ और बेपनाह करता हूँ। 💕

नैना की माँ ने दोनों को देखा तभी उनके फ़ोन की घंटी बजी उधर से नैना के पापा का कॉल था वो बोल रहे थी की और कितना टाइम लगेगा अभी तक तुम दोनों नहीं आये हो |

तभी उसकी माँ बोली नैना अब अपने घर में ही है | उसके पापा ये  समझ नही पाये तब उन्होंने उनको सारी बाते बताई और अंत में बोली की कागज के फैसले कभी भी दिलों के रिश्ते हो नही मिटा सकते है |

ये बोल कर वो फ्लैट के बाहर आ गई ..


पति पत्नी के लिए ये दो लाइन बिलकुल सटीक बैठती है ...

मेरी जिंदगी में खुशियां तेरे बहाने से हैं,

आधी तुझे सताने से हैं आधी तुझे मनाने से हैं। 💝

पति पत्नी के बीच छोटे मोटे झगड़े होते रहते है ..अगर कहासुनी हो जाती है तो रिश्तो को खत्म करने से अच्छा है दो-चार दिन रुठ जाए |

साथ कोई नहीं देगा सलाह सब देंगे...

आखिर में आपकी ही जिंदगी तबाह हो जाएगी...💥🌾🍂


 

 


 

 

 

 

 


कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.
close