भारत में धात्विक खनिज के वितरण एवं उपयोग की व्याख्या करें | (JPSC & JSSC के लिए अति महत्वपूर्ण टॉपिक ) फ्री पीडीऍफ़ डाउनलोड करें


भारत में धात्विक खनिज के वितरण एवं उपयोग की व्याख्या करें | 

भारत में धात्विक खनिज के वितरण


खनिज से अभिप्राय, प्राकृतिक तौर पर प्राप्त ऐसे पदार्थ से है जिसे खनन द्वारा प्राप्त किया जाता है एवं जिसका आर्थिक महत्व होता है ये भू-पृष्ठ में अयस्क के रूप में पाया जाता है। इसके उपलब्धता एवं शोषण का किसी क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास पर गहरा असर पढ़ता है |

भारत विश्व का एक प्रमुख धात्विक-खनिज संसाधनों वाला देश है जिसका अधिकांश वितरण प्रायद्वीपीय भारत के प्रदेशों में पाया जाता है। तथा इन खनिजों के अनवेशण निष्कर्षन इत्यादि में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, भारतीय खान ब्यूरो, राष्ट्रीय खनिज विकास लिमिटेड इत्यादि की महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारत के प्रमुख धात्विक खनिज का वितरण निम्न है -

1. लौह अयस्क- लौहा आधुनिक सभ्यता एवं औद्योगीकरण की धुरी मानी जाती है क्योंकि अन्य सभी प्रकार के उद्योग धंधे के निर्माण एवं विकास में इसकी महती भूमिका होती है। लौह अयस्क को मुख्यतः मेग्नाटाइट, हेमाटाइट, सिडेराइट, लिमोनाइट में गुणवता के आधार पर विभाजित करते है।

देश में इसका संकेन्द्रन मुख्यतः प्रायद्वीपीय भारत के धारवाड़ चट्टानी क्षेत्रों में पाया जाता है | जहाँ इसकी उत्तरी भाग में हेमेटाइट अयस्क की बहुलता है तो वहीं दक्षिण में मुख्यत: कर्नाटक में सर्वाधिक गुणवता वाली मेग्नाटाइट लौह अयस्क की बहुलता पायी जाती है।

(i) उड़ीसा- भारत का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक राज्य है जहाँ के मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़ जिले में अयस्क का संकेन्द्रण पाया जाता है। प्रमुख लौह अयस्क खानों में गुरुमहिसानी, बादाम पहाड़, किरीबुरू, सुलेपत इत्यादि प्रमुख है।

(ii)छत्तीसगढ़- भारत का दूसरा प्रमुख लौह अयस्क उत्पादक राज्य है। जहां के बस्तर, दुर्ग, राज नन्दगांव, बिलासपुर जिले से अयस्क का उत्खनन होता है। यहाँ के प्रसिद्ध लौह अयस्क खानें डल्ली रजहरा, बेलाडीला प्रमुख है

(iii) झारखण्ड- लौह अयस्क के प्रमुख उत्पादक इस राज्य के सिंहभूम क्षेत्र में सर्वाधिक लौह अयस्क के खान पाये जाते है जिसमें नोवामुंडी, गुआ, किरीबुरु, जामदा, नोटुबुरू, सिंदूरपुर, दुबलाबेरा इत्यादि प्रमुख, है।



(iv) कर्नाटक- भारत के सर्वाधिक मेग्नाटाइट लौह अयस्क का उत्पादन इस राज्य से होता है। जहां के बेल्लारी, चित्रदुर्ग, चिकमंगलुर, बीजापुर, धारवाड़, शोमोगा प्रमुख उत्पादक जिले है। यहां के प्रसिद्ध खानों में कुद्रेमुख, केमानगुंडी, हॉसपेट क्षेत्र इत्यादि प्रमुख है।

(v) गोवा- यहां पर लौह अयस्क की निम्न कोटि का निष्कर्षण किया जाता है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, राजस्थान इत्यादि में भी लौह अयस्क का निष्कर्षण किया जाता है।

लौह अयस्क का उपयोग इस्पात निर्माण, मोटरगाड़ी, मशीनरी, इंजीनियरिंग उद्योग, वायुयान, रेलों, पुलों, सड़कों, टेंको इत्यादि के निर्माण में किया जाता है। वस्तुतः किसी भी उद्योग की आधारित संरचना का निर्माण लौह अयस्क के बिना संभव नहीं है।

2. मैग्नीज- मैग्नीज एक काला, कठोर, लौह सदृश्य धातु है। जिसका भंडार भारत के धारवाड़ चट्टानों में पाया जाता है।

  • ·        उड़ीसा भारत का सबसे बड़ा मैग्नीज उत्पादक राज्य है जहाँ इसका भंडार कोरापुट, कालाहांडी, क्योंझर, बोलांगीर, सम्बलपुर इत्यादि क्षेत्रों से प्राप्त की जाती है।
  • ·        कर्नाटक के बेलारी, शीमोगा, तुम्कुर, चित्रदुर्ग, बेलगाम इत्यादि जिले प्रमुख मैग्नीज उत्पादक क्षेत्र है।
  • ·        मध्य प्रदेश का बालाघाट, छिंदवाड़ा, झाबुआ से मैग्नीज का उत्खनन किया जाता है।
  • ·        महाराष्ट्र के नागपुर, भंडारा क्षेत्र मैग्नीज बहुल क्षेत्र है।
  • ·        इसके अलावा, गोवा, आंध्रप्रदेश, झारखण्ड, से मैग्नीज का उत्खनन किया जाता है।

इस धातु का उपयोग इस्पात बनाने, लौह मिश्र धातु, रसायनिक उद्योगों, चमड़ा उद्योग फोटोग्राफी, चीनी मिट्टी के बर्तनों को रंगने इत्यादि में किया जाता है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार देश में कुल 430 मिलियन टन मैग्नीज का भंडार पाया जाता है।

·        3. ताँबा- भारत में ताँबा का प्रयोग प्राचीन काल से प्रत्यक्ष या मिश्र धातुओं के रूप में होता रहा, भारत में इस अयस्क का संकेन्द्रण भी धारवाड़ कालीन चट्टानों में पाया जाता है। यह सल्फाइड, चाल्कोपाराइड के रूप में धारवाड़ की शिस्ट और फाईलाइट शैलों में मिश्रित रूप से पायी जाती है।

  • ·        राजस्थान देश का सबसे बड़ा ताँबा भंडार वाला राज्य है। यहाँ के झुनझुन जिले के खेतड़ी क्षेत्र और अलवर जिले के खो-दरिबा क्षेत्र से तांबा का निष्कषर्ण किया जाता है, अन्य प्रमुख उत्पादक जिले में चुरू एवं झालवाड़ प्रमुख है।
  • ·        यहाँ के प्रसिद्ध तांबा 'खानों में कोलिहान, खेतड़ी, बरखेरा, गुलाबपुरा, बालेश्वर इत्यादि प्रमुख है।
  • ·        झारखण्ड के सिंहभूम जिले में प्रसिद्ध तांबा अयस्क की खाने पायी जाती है। यहां के प्रसिद्ध खानों में मुसाबनी, राखा, धोबानी, पात्थरगोड़ा, घाटशिला तुमरडीह इत्यादि प्रमुख है। घाटशिला में स्थित इण्डीयन कॉपर कॉरपोरेशन कम्पनी उत्खननों पर नियंत्रण रखती है।
  • ·        सिक्किम में स्थित रांगपो क्षेत्र में स्थित सिरबोंग, रोटो, डिक्यू, जुगूडूम इत्यादि प्रमुख तांबा अयस्क खान है।
  • ·        आंध्र प्रदेश के नलकोण्डा, बंदलामोट्टू, गुमनकोण्डा, सोमालापिल्ली, गरिमानी पेण्टा इत्यादि प्रमुख तांबा अयस्क खान है जो कुर्नूल, नेल्लौर, अनंदपुर जिले में स्थित है।
  • ·        ताँबा अयस्क के निक्षेप अन्य क्षेत्रों में कर्नाटक के चित्रदूर्ग एवं हासन जिले, तमिलनाडू के दक्षिण अर्काट जिले, महाराष्ट्र के चन्द्रपुर जिले, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले, उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र इत्यादि में पाये जाते है।
  • ·        भारत में विश्व के तांबा अयस्क का लगभग एक प्रतिशत ही पाया जाता है। अतः घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु चिली, आस्ट्रेलिया, इण्डोनेशिया जैसे देशों से तांबा आयात करना पड़ता है। वर्तमान में भारत लगभग 30 लाख टन तांबा अयस्क का निष्कर्षण करता है।

·        तांबा का उपयोग कांसा, जस्ता एवं टिन के साथ मिलाकर मिश्र धातु बनाने, बिजली उद्योग, टेलीफोन उद्योग, रेडियो उद्योग, रेफ्रिजेरेटर एवं एयरकंडीशन, बर्तन निर्माण इत्यादि में किया जाता है।

4. बॉक्साइट- बॉक्साइट एल्यूमिनियम का ऑक्साइड है इसका रंग लौहांश के मात्रा के आधार पर गुलाबी या लाल पाया जाता है। यह मेसोजोईक एवं सेनोजोईक काल की लैटराइट शैलों में पायी जाती है। इस बॉक्साइट अयस्क में एलुमिना का अंश 55-65 प्रतिशत तक पाया जाता है।

  • ·        देश के एक तिहाई से अधिक बॉक्साइड का उत्पाद ही उड़ीसा द्वारा किया जाता है। जहां के कालाहांडी एवं कोरापुट जिले प्रसिद्ध बॉक्साइड क्षेत्र है। यहाँ के मंजीपाली, पसंगमाली, कुन्नुमाली, करालपुट, चंद्रगिरी, बफलीमाली पर्वत प्रमुख उत्खनन क्षेत्र है।
  • ·        गुजरात के भावनगर, जूनागढ़, अमरेली, साबरकंठा, खेड़ा जिले प्रमुख बॉक्साइड उत्पादक जिले है जहाँ के लंबा, नंदाना, मेवासा, वीरपुर, पत्थरी इत्यादि प्रमुख खान है।
  • ·        झारखण्ड के लोहरदग्गा एवं लातेहार जिला प्रमुख बॉक्साइड खनन क्षेत्र है। झारखण्ड में मुरी स्थित एल्युमिनियम कारखाने से भारत का सर्वाधिक एलुमिना तैयार किया जाता है।
  • ·        महाराष्ट्र के कोल्हापुर, रत्नागीरी, थाणे, सतारा प्रमुख बॉक्साइड उत्खनन क्षेत्र है।
  • ·        छत्तीसगढ़ के रायगढ़, विलासपुर, दूर्ग, राजनंदगांव प्रमुख बॉक्साइड संपन्न क्षेत्र है।
  • ·        तमिलनाडू के मदूरै, सलेम, जनपद से बॉक्साइड का उत्खनन होता है।
  • ·        मध्य प्रदेश के शहडोल, कटनी, सतना, शिवपुरी जिले में बॉक्साइड के जमाव पाये जाते है। बॉक्साइड अयस्क के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर, प्रमुख हैं।

एल्युमिनियम अपने हल्केपन मजबूती, तन्यता, लचीलेपन, उष्मा एवं विद्युत संवाहकता एवं वायुमंडलीय संक्षारण की प्रतिरोधकता के कारण एक महत्वपूर्ण धातु है। जिसका उपयोग बर्तन, बिजली के तारो, धातु उद्योग, वायुयान, मोटरगाड़ी निर्माण, मिश्रधातु इत्यादि के निर्माण में होता है।





लेख डाउनलोड करें



कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.
close