दामोदर घाटी निगम परियोजना का विकास तथा उसके प्राप्त लाभों (jpsc मैन्स 3rd पेपर )


दामोदर घाटी निगम का विकास तथा उसके प्राप्तलाभों का विवरण दें |

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दामोदर घाटी परियोजना दामोदर नदी एवं इसकी सहायक नदियों बराकर, कोनार, जमुनिया, बोकारो इत्यादि पर स्थापित एक बहुउद्देशीय परियोजना है। इस परियोजना की रूपरेखा संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनेसी घाटी परियोजना के आधार पर 07 जुलाई 1948 को स्थापित की गई थी।

इसका प्रबंधन दामोदर घाटी निगम द्वारा किया जाता है। इस परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, जलविद्युत, नौपरिवहन, वनारोपण,मृदा संरक्षण, औद्योगिकरण, पर्यटन इत्यादि शामिल है।

इस परियोजना के अन्तर्गत आठ बांध, एक अवरोधक बांधों के निकट जल विद्युत उत्पादन केन्द्र के अतिरिक्त बोकारो, चन्द्रपुरा, दूर्गापुर में तीन तापीय विद्युत गृह स्थापित किये गये है। इस परियोजना के बन जाने के उपरान्त लगभग 7.5 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो पायी है।

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इस परियोजना के अंतर्गत बांधों का विवरण इस प्रकार है-

1.तिलैया डैम : झारखण्ड प्रदेश के कोडरमा जिले के अंतर्गत इस बांध का निर्माण दामोदर की सहायक नदी बराकर पर फरवरी,1953 में की गई थी। इस बांध के पास ही जलविद्युत गृह की स्थापना की गई है जिसकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 60 किलो वाट है।

2.कोनार डैम : इस बांध का निर्माण हजारीबाग जिला के अंतर्गत दामोदर की सहायक नदी कोनार पर की गई है। तथा लगभग 40 हजार किलोवाट क्षमता का एक भूमिगत जल विद्युत गृह का निर्माण किया गया है।

3.मैथन डैम: प्रदेश के धनबाद जिले के अंतर्गत इस बांध का निर्माण 1957 ई. में बराकर नदी पर की गई थी। इस बांध के अंतर्गत 20 हजार किलोवाट क्षमता की तीन जलविद्युत इकाईयाँ कार्यरत है। गैस टरबाईन पर आधारित यह झारखण्ड की एकलौती परियोजना है।

4.पंचेतपहाड़ी डैम : इस बांध का निर्माण झारखण्ड के धनबाद एवं पश्चिम बंगाल की पुरूलिया जिले के सीमा पर दामोदर नदी पर की गई है। जहाँ से 40 हजार किलोवाट जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है।

5.अय्यर डैम : इस बांध का निर्माण दामोदर नदी पर की गई है। जिसकी जलविद्युत क्षमता 45 हजार किलोवाट है।

6.बाल पहाड़ी डैम : दामोदर की सहायक नदी बराकर पर गिरीडीह जिले में इस बांध का निर्माण किया गया है जहां 20 हजार किलोवाट क्षमता की जलविद्युत केन्द्र स्थापित किया गया है।

बोकारो बांध एवं बर्मो बांध अन्य प्रमुख जलविद्युत केन्द्र है। दामोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत बोकारो में लगभग 140 मेगावाट क्षमता की तापविद्युत गृह स्थापित की गई है तथा पश्चिम बंगाल के दूर्गापुर में 290 मेगावाट क्षमता की तापविद्युत गृह एवं बोकारो जिले के चन्द्रपुरा में 700 मेगावाट क्षमता की तापविद्युत गृह स्थापित की गई है।

दामोदर घाटी परियोजना के माध्यम से झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों को लाभ प्राप्त होता है।




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