नगरीकरण क्या है तथा भारत में नगरीकरण के विस्तार (jpsc मैन्स पेपर 3 )
नगरीकरण क्या है ?भारत में नगरीकरण के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले करको का उल्लेख करे |
नगरीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र निरंतर नगर में परिवर्तित होता है। इसे विकास का सूचकांक माना जाता है जिसमें आर्थिक क्रियाकलाप में परिवर्तन होता है। इस प्रक्रिया के द्वारा प्राथमिक आर्थिक क्रियाकलाप का द्वितीयक तथा तृतीयक क्रियाकलाप में परिवर्तन होता रहता है |
साथ ही किसी क्षेत्र विशेष की सामाजिक आर्थिक तथा सांस्कृतिक व्यवस्था परिवर्तित भी होती
है | ग्रामीण अर्थव्यवस्था जिसका मुख्य आधार
कृषि होता है | नगरीय अर्थव्यवस्था जिसका आधार द्वितीयक तथा तृतीयक क्रियाकलाप है
जिसमें मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र एवं विनिर्माण
क्षेत्र शामिल है, में परिवर्तन होता है।
प्राचीन काल से ही नगर मानव की आर्थिक, सामाजिक,राजनीतिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों
के केन्द्र रहे है | समाज में नगर का प्रभाव किसी भी सभ्यता में अत्यधिक रहा है तथा साथ-साथ नगर मानव सभ्यता के विकास
से ही मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है|
यही कारण है कि वर्तमान समय में भी नगर का अध्ययन सामाजिक वैज्ञानिकों, मानविक अध्येताओं एवं भूगोलवेताओं का अध्ययन का एक विशेष क्षेत्र रहा है
जिसके अन्तर्गत नगर का विकास, उत्पति तथा
सामाजिक आर्थिक तथा सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।
बिसवीं शताब्दी में जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि तथा
आर्थिक क्रियाकलाप में
परिवर्तन के कारण नगरीकरण की प्रक्रिया तीव्र हुई है एवं नगरों के अध्ययन पर पर्याप्त बल दिया जा रहा
है।
इससे अतिरिक्त वर्तमान समय में निरंतर नगरीकरण की प्रक्रिया में वृद्धि
हुई तथा कई ग्रामीण क्षेत्र नगरों में परिवर्तित हो रहे है।
इसके विकास में कई कारकों की महत्वपूर्ण रही है जिसका वर्णन इस प्रकार
है-
1. आर्थिक क्रियाकलाप में परिवर्तन- आर्थिक
क्रियाकलाप में परिवर्तन नगरीकरण के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है क्योंकि प्राचीन समय से
ही नगरों के विकास में यह एक सूचकांक माना जाता है। इसका मुख्य
कारण यह है कि ग्रामीण एवं नगर के मध्य अंतर
का आर्थिक क्रियाकलाप एक महत्वपूर्ण आधार रहा है।
2. रोजगार के विभिन्न साधनों की
उपलब्धता- नगरीकरण के विकास में इसकी एक विशेष भूमिका है। नगरों में
रोजगार के कई प्रकार के विकल्प एवं विविधता के कारण भारी मात्रा में ग्रामीण क्षेत्रों से जनसंख्या को आकर्षित
करता है।
3. जीवन के सुलभ साधन- नगरों में जीवन
जीने के सुलभ साधन विद्यमान होता है जिससे ग्रामीण
क्षेत्रों से प्रवजन्न करने वाली जनसंख्या नगरीय संस्कृति से प्रभावित होकर स्थायीरूप से नगरों में बस जाते हैं।
4.उच्च
शिक्षण संस्थान की उपस्थिति- स्वतंत्रता प्राप्ति के
पश्चात नगरों जैसे- खड़गपुर, पूने, रूडकी इत्यादि क्षेत्रों
में उच्च संस्थान की उपस्थिति के कारण नगरीकरण की प्रक्रिया तीव्र हुई तथा कई
अन्य नगर का भी विकास
हुआ।
5. प्रशासनिक गतिविधि की अधिकता- प्रशासनिक
गतिविधि की अधिकता के कारण
कई नगरों का विकास हुआ है,
जिसका मुख्य कारण है कि स्वतंत्रता के
पश्चात् देश में प्रशासनिक रूप से कई नगरों को राज्य जिला तथा उप मुख्यालय बनाया गया और ये सभी क्षेत्रों में प्रशासनिक गतिविधि तीव्र हुई जिससे कई नगर राजधानी के रूप में विकसित हुआ।
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