"पप्पू की शादी में आई भूतनी की बारात! 😂 हँसी रोक पाओ तो कहना!"
🤣 कहानी का नाम: "पप्पू की शादी और भूतनी की बारात!"
भाग 1: पप्पू और उसकी अनोखी चिंता
गांव का नाम था भोंपूपुर, और वहां का सबसे कन्फ्यूज़ आदमी था — पप्पू कुमार चिलगोजा। नाम सुनकर हंसी न आए तो बताना। उम्र 30 पार, लेकिन अब तक कुंवारा। उसकी मम्मी की सबसे बड़ी चिंता थी – "पप्पू की शादी कब होगी?"
पप्पू को भी शादी करनी थी, लेकिन शर्त ये थी कि लड़की गोरी, लंबी, पतली, नौकरी वाली, पर घर के सारे काम जानने वाली भी हो। एक बार गांव में एक पंडित ने बोला, “बेटा, तुम्हारी कुंडली में भूतनी योग है।”
पप्पू बोला – “पंडित जी, योगा सिखाना है तो बाबा रामदेव को बुलाइए।”
पंडित जी बोले – “अबे गधे! भूतनी योग मतलब तेरी शादी किसी भूतनी से होगी!”
अब पप्पू की हालत ऐसे हो गई जैसे गोलगप्पे में गोल ना हो!
भाग 2: रिष्टे आते हैं, पर जाते भी हैं
मम्मी रोज़ अखबार में विज्ञापन देती –
“सुंदर, सुशील, आईएएस जैसी लड़की चाहिए हमारे संस्कारी बेटे पप्पू के लिए।”
लेकिन जब भी लड़की वाले पप्पू से मिलते, दो मिनट में ही निकल लेते।
एक बार एक लड़की के पिता बोले –
“भाई साहब, पप्पू तो ठीक है, पर वो जो पीछे मुंह में मिर्ची दबाए बैठा है, वो कौन है?”
मम्मी बोली – “अरे वो तो पप्पू की एक्सप्रेशन है जब वो रोमांटिक होता है।” 😁
भाग 3: भूतनी का रिश्ता आया
एक दिन एक बूढ़ा बाबा आया –
“बेटा, मेरी एक बेटी है – खूब सुंदर, सफेद सी, एकदम दूध जैसी।”
पप्पू: “वाह बाबा! कहां है?”
बाबा: “कब्रिस्तान में रहती है, सिर्फ रात को बाहर आती है।”
पप्पू: “अरे बाबा! मज़ाक ना करो।”
बाबा: “बेटा, तू नहीं मानेगा, पर यही तेरी किस्मत है।”
पप्पू ने हंसकर टाल दिया। लेकिन उसी रात पप्पू को सपना आया –
एक सुंदर भूतनी आई, सफेद साड़ी, लंबे बाल, और बोली –
"मैं तुम्हारी दुल्हन बनने आ रही हूँ पप्पू... तैयार रहो..."
भाग 4: शादी की तैयारी – या तेरहवीं की?
मम्मी ने फिर एक बार ज़बरदस्ती रिश्ता तय कर दिया।
लड़की का नाम था – "माया"।
खूबसूरत थी, लेकिन थोड़ा अजीब।
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न दिन में दिखती,
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ना खाना खाती,
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और बात-बात पर हवा में उड़ जाती।
पप्पू ने पूछा – “तुम कौन हो?”
माया बोली – “मैं वही, जो तुम्हारी किस्मत में लिखी है — भूतनी!”
अब पप्पू बेहोश!
शादी की तैयारी होने लगी। पंडित जी ने शगुन में कहा –
“बारात कब आएगी?”
मम्मी बोली – “रात 12 बजे।”
पंडित: “इतनी रात को कौन बारात लाता है?”
माया: “मेरी बारात आती है... उड़ते हुए!”
भाग 5: बारात में उड़ते-घोड़े और उड़ती-भूतें
रात 12 बजे आसमान से आवाज़ आई –
“घोड़े पे चढ़के आया हूँ, तेरे लिए दूल्हा लाया हूँ…”
पूरा गांव चौंका – अरे ये कौन सा DJ है?
दरअसल, बारात सच में उड़ रही थी!
घोड़े उड़ रहे थे, ड्रम की जगह खोपड़ी बज रही थी, और मेहमान… सब भूत!
एक भूत ने पूछा – “शरबत में खून मिलेगा क्या?”
दूसरा बोला – “नाच नहीं करोगे? वरना भूतिया डांस चालू कर दूंगा।”
पप्पू डरकर बोला – “मैं नहीं करूंगा शादी!”
माया बोली – “तो फिर कब्र में आजा, वहीं फेरे लेंगे।”
भाग 6: भागो! भागो! बचाओ पप्पू!
पप्पू की हालत खराब!
उसने अपनी मम्मी को पकड़ा – “मां! मैंने तुझे कितनी बार कहा था – श्याम सुंदर वाली चाहिए थी, श्मशान वाली नहीं!”
मम्मी भी डर गई – “बेटा माफ कर दे, मैं तो समझी कोई ब्यूटी प्रोडक्ट है!”
पप्पू ने मौका देख कर खिड़की से छलांग लगा दी।
सीधा गिरे – गाय के गोबर में!
भूतनी ने आवाज़ लगाई – “अबे भाग कहां रहा है? मैं तेरा सच्चा प्यार हूं!”
पप्पू बोला – “सच्चा प्यार बाद में, पहले सच्ची जान बचा लूं!”
भाग 7: पप्पू का नया अवतार – बाबा पप्पू नाथ
पप्पू ने शादी से तौबा कर ली।
अब वो बना – "बाबा पप्पू नाथ – जो भूतों से बचाए"
लोग दूर-दूर से आते और पूछते –
“बाबा! शादी करनी चाहिए या नहीं?”
पप्पू कहता –
"करनी है तो इंसानों से करो... भूतनी से नहीं... नहीं तो पप्पू जैसी हालत होगी!"
😆 सीख क्या मिली?
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शादी करने से पहले लड़के-लड़की को एक बार दिन की रोशनी में ज़रूर मिल लेना चाहिए।
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ज्यादा शर्तें रखने वाले अक्सर भूतों से ही शादी कर बैठते हैं।
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और सबसे ज़रूरी – गांव के बाबा की बातों को हल्के में मत लो
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