About DDU-GKY
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डीडीयू-जीकेवाई: ग्रामीण युवाओं के लिए कौशल विकास की क्रांति
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) की एक प्रमुख योजना है। इसे 25 सितंबर 2014 को लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से सशक्त बनाना और उन्हें टिकाऊ रोजगार के अवसर प्रदान करना है। यह योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और समावेशी विकास व गरीबी उन्मूलन के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
डीडीयू-जीकेवाई के उद्देश्य
- कौशल विकास: ग्रामीण युवाओं को बाजार की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
- रोजगार सृजन: प्रशिक्षण के साथ रोजगार सुनिश्चित करना।
- गरीबी उन्मूलन: ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाना।
डीडीयू-जीकेवाई की प्रमुख विशेषताएँ
लक्षित समूह:
- यह योजना 15-35 वर्ष की आयु के गरीब ग्रामीण युवाओं पर केंद्रित है, विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अल्पसंख्यकों और महिलाओं जैसे हाशिये पर मौजूद समुदायों पर।
प्लेसमेंट-लिंक्ड प्रशिक्षण:
- प्रशिक्षण के बाद कम से कम 70% प्रशिक्षुओं को संगठित क्षेत्रों में रोजगार दिलाने का लक्ष्य।
क्षेत्र विशेष प्रशिक्षण:
- रिटेल, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन, हॉस्पिटैलिटी, आईटी आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करना।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP):
- उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण के लिए निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ साझेदारी।
विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर:
- आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रशिक्षण केंद्र, जो व्यावहारिक अनुभव पर जोर देते हैं।
सामाजिक समावेशन:
- महिलाओं, दिव्यांगों और अल्पसंख्यकों को शामिल कर विविधता को बढ़ावा देना।
डीडीयू-जीकेवाई का क्रियान्वयन मॉडल
- यह योजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत चलाई जाती है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें, प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन एजेंसियां (PIA), और नियोक्ता शामिल हैं।
- वित्त पोषण केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है।
डीडीयू-जीकेवाई की उपलब्धियाँ
- इस योजना ने लाखों ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया है।
- अनेक लाभार्थियों को भारत और विदेश में प्रमुख संगठनों में नौकरी मिली है, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
- यह योजना स्थानीय रोजगार के अवसर प्रदान कर ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाले पलायन को कम करने में भी सहायक रही है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
चुनौतियाँ:
- सभी केंद्रों पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
- प्रशिक्षण और बाजार की मांग के बीच अंतर को भरना।
- दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों और हाशिये पर मौजूद समुदायों तक पहुँचना।
आगे की राह:
- गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करना।
- रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए उद्योगों के साथ साझेदारी का विस्तार करना।
- तकनीक आधारित और नवाचारी प्रशिक्षण मॉड्यूल को शामिल करना।
निष्कर्ष
डीडीयू-जीकेवाई ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसरों के माध्यम से सशक्त बनाने की एक क्रांतिकारी पहल है। आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वतंत्रता को प्रोत्साहित कर यह योजना न केवल ग्रामीण बेरोजगारी को कम करती है, बल्कि भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।
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