कोडरमा: झारखंड का मिनरल हब

                                                                                    


                                                                                 

 कोडरमा: झारखंड का मिनरल हब

कोडरमा झारखंड राज्य का एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण जिला है, जिसे "माइका की राजधानी" (Mica Capital) के रूप में भी जाना जाता है। यह जिला झारखंड के उत्तरी हिस्से में स्थित है और अपने प्राकृतिक संसाधनों, खासकर माइका (अभ्रक) के लिए विश्व प्रसिद्ध है। कोडरमा झारखंड-बिहार सीमा के करीब स्थित है और इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व अद्वितीय है। आइए, कोडरमा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं:

1. इतिहास:

कोडरमा पहले हजारीबाग जिले का हिस्सा था, लेकिन 10 अप्रैल 1994 को इसे एक अलग जिला घोषित किया गया। यह जिला खासकर ब्रिटिश शासन के दौरान माइका के प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित हुआ। ब्रिटिश काल में यहां से माइका का निर्यात पूरे विश्व में किया जाता था।

2. भूगोल:

कोडरमा एक पहाड़ी और वनाच्छादित क्षेत्र है। यहां की प्रमुख नदियाँ बराकर और सकरी हैं, जो जिले के जल स्रोत का प्रमुख आधार हैं। कोडरमा जंगलों और खनिज संपदा से घिरा हुआ है, जो इसे प्राकृतिक रूप से समृद्ध बनाते हैं। यह जिला झारखंड के सबसे खूबसूरत जिलों में से एक माना जाता है।

3. खनिज संपदा:

कोडरमा माइका उत्पादन के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यहाँ की माइका की खदानें दुनिया भर में जानी जाती हैं। भारत का सबसे अधिक माइका उत्पादन यहीं होता है। हालांकि अब माइका का खनन कम हो गया है, लेकिन पहले कोडरमा विश्व स्तर पर माइका उत्पादन का केंद्र था। इसके अलावा, यहाँ यूरेनियम, क्वार्ट्ज और फेल्डस्पार जैसे खनिज भी पाए जाते हैं।

4. पर्यटन स्थल:

कोडरमा में कई पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कुछ प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:

  • राजगृह पहाड़: यह पहाड़ धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता लोगों को लुभाती है।
  • जयनगर किला: यह एक ऐतिहासिक स्थल है जो कोडरमा की प्राचीन सभ्यता और विरासत को दर्शाता है।
  • माई की बावड़ी: एक धार्मिक स्थल है, जहाँ लोग मन्नत माँगने आते हैं।
  • तिलैया डैम: यह बराकर नदी पर बना हुआ एक महत्वपूर्ण बांध है जो यहाँ के लोगों के लिए जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन का मुख्य स्रोत है।

5. आर्थिक और सामाजिक स्थिति:

कोडरमा की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि, खनन और छोटे उद्योग हैं। यहाँ चावल, मक्का, गेहूं, और दलहन जैसी फसलें प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं। हालांकि माइका खनन के घटने के बाद जिले की अर्थव्यवस्था पर थोड़ा असर पड़ा है, लेकिन अब यहाँ शिक्षा और छोटे उद्योगों का विकास हो रहा है।

6. शिक्षा:

कोडरमा में शिक्षा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। यहाँ कई सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी संस्थान हैं जो स्थानीय युवाओं को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। कोडरमा के पास प्रसिद्ध आईआईटी-आईएसएम (धनबाद) नजदीक है, जो इस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।

7. संस्कृति और भाषा:

कोडरमा की संस्कृति झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से प्रभावित है। यहाँ मुख्य रूप से हिंदी, संताली, और नागपुरी भाषा बोली जाती है। लोक नृत्य और लोक गीत यहाँ की संस्कृति का हिस्सा हैं, और त्योहारों के दौरान यहाँ की परंपराएँ देखने लायक होती हैं।

8. परिवहन:

कोडरमा रेल और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ का कोडरमा रेलवे स्टेशन एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है, जो दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर स्थित है। इसके अलावा, यह राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर स्थित है, जो इसे देश के कई हिस्सों से जोड़ता है।

निष्कर्ष:

कोडरमा एक छोटा लेकिन समृद्ध जिला है, जिसे अपनी खनिज संपदा, प्राकृतिक सौंदर्य, और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। अगर आप प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास, और स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर के प्रेमी हैं, तो कोडरमा निश्चित रूप से आपके लिए एक आकर्षक गंतव्य हो सकता है।

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