कहानी मोमबत्ती की (हिंदी कहानी ) | story of candle
कहानी मोमबत्ती की
एक गरीब लड़का था |👦 जो की एक छोटे से गाँव में रहता था ,वो अनाथ था | बचपन में ही उसके माँ – बाप गुजर गये थे | वो अपना गुजर बसर करने के लिए पास के ही किसी दुकान में काम करता था | कभी–कभी काम के सिलसिले में उसे शहर भी जाना पड़ता था |
एक दिन वो लड़का अपने घर में अच्छी रौशनी के लिए चार
मोमबत्ती खरीद कर घर लाया और उसको जलाया की अचानक उसे कुछ काम याद आ आया और वह घर से
बाहर चला गया |
रात का समय था। चारो तरफ गहरा अँधेरा छाया हुआ था। केवल एक
ही कमरे में उजाला था जिसमें चार मोमबत्तियां जल रही थी। चारो मोमबत्तियां एकांत
देखकर आपस में बातें करने लगी।
पहली मोमबत्ती बोली, “मैं शांति हूँ।..... जब भी मैं इस दुनिया को देखती हूँ तो
बहुत दुखी हो जाती हूँ। चारो तरफ मारामारी, लूटखसोट और हिंसा का बोलबाला है। ऐसे में मेरा यहाँ रहना
मुश्किल है। अब मैं यहाँ और नहीं रह सकती।” इतना कहकर पहली मोमबत्ती बुझ गई।
दूसरी मोमबत्ती भी अपनी मन की बात कहने लगी, “मैं विश्वास हूँ।....
मुझे लगता है कि झूठ, धोखा, फरेब और बेईमानी मेरा
वजूद खत्म करते जा रहे हैं। यह जगह मेरे लायक नहीं है। मैं भी जा रही हूँ।” इतना कहकर दूसरी मोमबत्ती
भी बुझ जाती है।
तीसरी मोमबत्ती भी दुखी थी। वह कहने लगी, “मैं प्रेम हूँ। 💓.... मैं
हर किसी के लिए हर पल जल सकती हूँ पर अब किसी के लिए मेरे पास वक्त नहीं बचा।
स्वार्थ और नफरत मेरी जगह लेते जा रही है।
...लोगों के मन में अपनों के प्रति प्रेम-भावना नहीं बची।
मैं और सहन नहीं कर सकती। मेरे लिए जाना ही ठीक होगा।” यह कहकर तीसरी मोमबत्ती
भी बुझ गई।
तीसरी मोमबत्ती के बुझते ही कमरे में वो लड़का वापस आ गया ।
मोमबत्तियों को बुझा देखकर उसे बहुत दुःख होता है। उसके
आँखों से आँसू बहने लगे | वह दुखी मन से बोला, “इस तरह बीच में ही मेरे जीवन में अँधेरा कर कैसे जा सकती हो
तुम।... तुम्हे तो अंत तक जलना था लेकिन तुमने मेरा साथ छोड़ दिया। अब मैं क्या
करूँगा?”....
लड़के की बात सुनकर चौथी मोमबत्ती बोली, “तुम घबराओ मत, मैं उम्मीद हूँ और मैं
तुम्हारे साथ हूँ। जब तक मैं जल रही हूँ तुम मेरी लौ से दूसरी मोमबत्तियों को जला
दो।”....
चौथी मोमबत्ती की बात सुनकर उस लड़के को विश्वास हो गया।
उसने उम्मीद के साथ शांति,
विश्वास और प्रेम
को फिर से जलाकर रौशन कर दिया।💖
इसलिए मनुष्य के जीवन में समय एक सा नहीं रहता, कभी उजाला तो कभी अँधेरा होता है। जीवन में अगर क़भी भी अँधकार आए, मन अशांत हो जाए, विश्वास डगमगाने लगे और दुनिया पराई लगने लगे तब उम्मीद का दीपक जला लेना। जब तक उम्मीद का दीपक जलता रहेगा जीवन में कभी अँधेरा नहीं हो सकता। इसलिए उम्मीद का साथ कभी न छोड़े।
मुमकिन ही नहीं वक़्त हमेशा मेहरबान रहे...
कुछ लम्हे जीने का तज़ुर्बा भी सीखाते हैं...!!
इसी लिए खुश रहिये , स्वस्थ रहिये , मस्त रहिये और व्यस्त रहिये
|😄
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