बिरसा आंदोलन एवम जनजातियों पर उसके प्रभाव Q & A mcq के साथ (birsa andolan evam janjati par uske prabhav)
बिरसा आंदोलन के स्वरूप की व्याख्या करते हुए जनजाति शासन पर उसके प्रभाव की आलोचना कीजिए |
बिरसा मुंडा के नेतृत्व में उन्नीस वीं सदी के अंतिम वर्षों अठारह सौ पंचानवे से उन्नीस सौ एक (1895-1901) में रांची एवं सिंहभूम के क्षेत्रों में चले मुंडा जनजाति के आंन्दोलन को बिरसा आंदोलन के नाम से जाना जाता है |
इसके प्रचंड स्वरूप के
कारणों से उलगुलान यानी महान हलचल भी कहा गया
इस आंदोलन की प्रकृति समानता अन्य जनजाती विद्रोह से मीलती- जुलती है तथापि, इसकी अपनी कुछ विशेषताएं
भी है |
बिरसा आंदोलन मौलिक रूप से मुंडाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक जीवन में
बाहरी तत्व यथा अंग्रेजीराज्य जमींदार , महाजन, सौदागर, ठेकेदार एवं ईसाई मिशनरियों के हस्तक्षेप व बहुआयामी शोषण के विरुद्ध उत्पन्न असंतोष की उपज था |
अंग्रेजी राज़ द्वारा खुत्कुट्टी
व्यवस्था को समाप्त कर जिम्मेदारी
व्यवस्था लागू करना, झूम कृषि पर प्रतिबंध लगाना, महाजनों के ऋण जाल
ठेकेदारों, सौदागारों द्वारा
वन संपदा का अनियंत्रित दोहन बैठा बैगारी का प्रचलन भ्रष्ट पुलिस प्रशासन खर्चीली
व जटिल न्यायिक प्रणाली तथा ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन कर सांस्कृतिक
अस्मिता को खत्म करने की कोशिशों
के फलस्वरूप संचित असंतोष ने इस आंदोलन को जन्म दिया था |
जिसमे शोषन मुक्त समाज की स्थापना के बीज निहित थे |अन्य जनजातीय
विद्रोहों की तरह इस विद्रोह की प्रक्रिया
भी हिंसक रही |अंग्रेजीराज़ एवं
शोषण के तमाम प्रतीकों, संस्थाओं, अधिकारियों, महाजन ने जिम्मेदारों आदि
शोषक तत्वों के विरुद्ध हिंसा, तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटनाएं घटीं निसंदेह यह आंदोलन एक जातीय विद्रोह था जो मूलतः जाति एवं धर्म के नाम पर
संगठित किया गया था |
इस आंदोलन का दायरा बहुत विस्तृत नहीं हो सका |यह एक स्थानीय आंदोलन बनकर रह गया | इसके लिए अनेक जातिगत एवं
धर्मगत बातें जिम्मेदार थी |यह विद्रोह एक संगठित आंदोलन था | काफी कम समय में हजारों
मुंडाओ को एकजुट कर उन्हें अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार कर लेना आसान
कार्य नहीं था, लेकिन यह कार्य
बिरसा मुंडा ने कर दिखाया |
यह उनके नेतृत्व शक्ति का परिचायक था |इस आंदोलन की एक
उल्लेखनीय विशेषता थी कि इसमें धार्मिक पहलुओं का
भी समावेश किया गया |बिरसा ने
दूरदर्शिता दिखाते हुए असंतोषजनिक आन्दोलन में धार्मिक पक्ष को समाहित कर इस आन्दोलन को आधिकाधिक जुझारू , उग्र एवम सशक्त बना दिया |बिरसा ने स्वयं को ईश्वर का प्रतिनिधि घोषित किया |
जिससे लोगों का भरोसा बिरसा
के प्रति बढ़ता गया | बिरसा की
महाप्रलय एवम नवयुग सम्बन्धी भविष्यवाणी मुंडाओ के लिए स्वर्न्दिप बन गई |
ईशाई मिशनरियों के प्रयास शिथिल पड़ गये | ईशाई धर्म से वैष्णो धर्म
में मुंडाओ का धर्मांतरण होने लगा | धार्मिक तत्वों
पर बल दिए जाने के कारण बिरसा ने एक अलग तरह के आत्मविश्वास एवं जुझारू क्षमता को विकसित किया तथा शोषको के विरुद्ध
आक्रोष को बढ़ाया |इस आन्दोलन का
सरूप सुधारवादी भी रहा |
बिरसा के एकेशरवाद , नैतिकता , आचरण की शुद्धि पर बल देकर तथा निरर्थक कर्मकांडों, बहुदेववाद आदि का विरोध
पर सामाजिक धार्मिक सुधार पर भी ज़ोर दिया| इस आन्दोलन का यदपि दमन
कर दिया गया लेकिन ये असफल नहीं रहा |
ब्रिटिशराज को विवश होकर शासन के तरीकों में सुधार करना पड़ा
|उन्नीस सौ दो(1902) में छोटनागपुर क्षेत्र का भू सर्वेक्षण
कराया गया | 1908
में छोटनागपुर काश्तकारी आधिनियम
बना ,
बैठ्बेगरी खत्म कर दी गई तथा खुटकट्टी को
मान्यता मिली |
इस आंदोलन के कारण मुंडा जनजाति की व्यवस्था आंतरिक
अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई |लोग अब पहले से कहीं आधिक
प्रबुद्ध , सजग , सचेत तथा आंतरिक सुधारों
की भावना से सम्पन्न थे| ब्रिटिस सरकार ने निजी
स्वार्थो के कारण मुंडा सहित अन्य जनजातियों को शेष जनसंख्या से अलग रखा |
उन्हें यह विश्वास
था कि जनजाति की असीम शक्तियों का स्वतंत्रता आंदोलन में प्रयोग किया गया तो
उन्हें भारत छोड़ने में देरी नही लगेगी | यही कारण था कि अंग्रेज सरकार ने जनजातीय क्षेत्रओ को निषिद्ध क्षेत्र घोषित
कर दिया तथा उनमे प्रवेश का अधिकार सिर्फ ईशाई मिशनरी तथा विदेशी प्रशासको को ही
दी थी |
बाद में अंग्रेजों ने उस क्षेत्र में जाने की स्वीकृति उन साहुकारो
एवम जमींदारो को दे दी जो अंग्रेजी राज के समर्थक थे | इस प्रकार कतिपय सुधारो
के बावजूद शोषण का अंत नही हुआ यदपि इसमे कुछ कमी आवश्य आई |
बिरसा मुंडा के सम्बंधित कुछ MCQ जो exam के लिए अति महत्वपूर्ण है निचे दिए गये है |
1. बिरसा मुंडा कौन
थे?
(a) आदिवासी नेता
(b) पेंटर
(c) लोक नर्तक
(d) संगीतकार
2. बिरसा मुंडा का
जन्म कब हुआ था?
(a) 15 नवम्बर, 1875
(b) 10 अक्टूबर, 1854
(c) 15 सितम्बर, 1875
(d) 15 नवम्बर, 1890
3. बिरसा मुंडा ने
किस वर्ष अपने आपको ईश्वर का दूत घोषित किया?
(a) 1865 ई.
(b) 1885 ई.
(c) 1895 ई.
(d) 1900 ई.
4.बिरसा मुंडा के पिता का नाम क्या था?
(a) रसिका मुंडा
(b) सुगना मुंडा
(c) कानू मुंडा
(d) समीर केरकेट्टा
5.बिरसा मुंडा का जन्म किस गाँव में हुआ था?
(a) अड़की
(b) तमाड़
(c) बुंडू
(d) उलिहातू
6.बिरसा मुंडा के माता का क्या नाम था?
(a) बुधनी
(b) करमी
(c) देवमनिया
(d) इनमें से कोई
नहीं
7.15 नवम्बर, 1875 को जन्में बिरसा मुंडा
का जन्म स्थान 'उलिहातू' किस जिले में है?
(a) राँची
(b) गुमला
(c) लोहरदगा
(d) खूँटी
8. बिरसा मुंडा के
संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) बिरसा मुंडा पांच
भाई थे- कोन्ता, दस्कीर, चम्पा, बिरसा एवं कानू।
(b) बिरसा अपने
माता-पिता के चौथे पुत्र थे।
(c) इनका परिवार ईसाई
था।
(d) उपर्युक्त सभी
9.बचपन में बिरसा
सरना से किस धर्म में दीक्षित हुए?
(a) जैन
(b) बौद्ध
(c) इस्लाम
(d) इसाई
10.ईसाई धर्म में दीक्षित होने से बाद बिरसा के पिता का नाम
क्या रखा गया था?
(a) पौलुस
(b) मसीहदास
(c) बेंजामीन
(d) इनमें से कोई नहीं
11. ईसाई धर्म ग्रहण
करते समय बिरसा का नाम क्या रखा गया?
(a) दाऊद
(b) पसना
(c) दस्कीर
(d) बिरसा
12. निम्न में से
किसका ईसाई धर्म में कन्फर्मेशन 7 मई, 1886 को चाईबासा लुथेरन मिशन में हुआ था?
(a) कोन्ता मुंडा
(b) पसना मुंडा
(c) दस्कीर
(d) बिरसा
13. बिरसा मुंडा के
शिक्षा के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) बिरसा का
प्रारंभिक शिक्षा सलगा स्कूल में हुआ।
(b) बिरसा ने अपर
प्राइमरी शिक्षा के लिए बुर्जू मिशन स्कूल में अपना नाम लिखवाया।
(c) बिरसा ने चाईबासा
में रहकर उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त की।
(d) उपर्युक्त सभी
14. बिरसा को
प्रारंभिक शिक्षा किसने दी?
(a) आनंद पाण्डेय
(b) जगमोहन सिंह
(c) बिनोद तिवारी
(d) जयपाल नाग
15. बिरसा पेशे से
क्या थे?
(a) बुनकर
(b) बढ़ई
(c) व्यापारी
(d) इनमें से कोई
नहीं
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