jpsc mains notes in hindi pdf free download TOPIC chief secretary in state administration (JPSC MAINS नोट्स हिंदी में पीडीएफ मुफ्त डाउनलोड)
राज्य प्रशासन में मुख्य सचिव की भूमिका का वर्णन करे |
(Describe
the role of chief secretary in state administration)
मुख्य सचिव का पद राज्य प्रशासन में सबसे महत्वपूर्ण पद है
क्योंकि राज्य सचिवालय राज्य प्रशासन का प्रतिनिधिकर्त्ता संगठन है तथा राज्य सचिवालय के पद
सोपान के शीर्ष पर मुख्य सचिव होता है। जो सामान्यतः सामान्यः प्रशासनिक विभाग के
प्रमुख के रूप में कार्य करते हैं।
मुख्य सचिव सचिवों का मुखिया सचिवालय का समन्वयकर्त्ता तथा
लोक सेवाओं का अध्यक्ष के रूप में प्रतिनिधित्व करता है साथ ही साथ मुख्य मंत्री
के प्रधान सलाहकार के रूप में भी भूमिका का निर्वाह करता है।
मुख्य सचिव केंद्र एवं राज्यों के मध्य संपर्क सूत्र के रूप
में कार्य करता है साथ ही साथ यह राज्य प्रशासन में लोक सेवाओं का प्रतिनिधित्व
करता है। अतः कहा जा सकता है कि राज्यों में मुख्य सचिव के पद के रूप में एक ऐसा
पद निर्माण है जिसकी तुलना केन्द्रीय प्रशासन के किसी भी प्रशासनिक पद से नहीं की
जा सकती है।
क्योंकि मुख्य सचिव के पद की शक्ति केन्द्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रधान सचिव तथा केन्द्रीय सचिवालय के गृह सचिव वित्त सचिव इत्यादी के संयुक्त पद के समान है। यानि राज्य के मुख्य सचिव के क्षेत्राधिकारी के अंतर्गत केन्द्र के कई पदों की आंशिक शक्तियां समाप्त होती है।
राजस्थान, प्रशासनिक सुधार समिति के
अनुसार मुख्य सचिव सरकारी यंत्र का मुखिया तथा मंत्री परिषद के सलाहकार के रूप में
एक विशेष स्थिति का अधिकारी होता है जो राज्य प्रशासन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण
भूमिका निर्वाह करता है तथा राज्य के विभागीय कार्यों की देख-रेख के साथ-साथ राज्य
प्रशासन में समन्वयक की भूमिका निर्वाह करता है।
जिससे राज्य के नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में
एकता एवं एकरूपता कायम होती है| मुख्य सचिव राज्य के वरिष्ठतम I.A.S अधिकारियों में से चयनित
किये जाते हैं। तथा इनके चयन में वरिष्ठता, योग्यता तथा कार्यकुशलता को महत्वपूर्ण आधार माना जाता है
लेकिन व्यवहार में मुख्यमंत्री की इच्छा सर्वोपरी होती है।
यानि मुख्य सचिव के चयन के वरीयता एवं सेवा अभिलेख के
साथ-साथ मुख्य मंत्री का विश्वास महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करता है। इस संदर्भ
में यह तर्क प्रचलित है कि मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री का संबंध राज्य के सुचारू
प्रशासन के लिए परस्पर विश्वासी संबंध होना आवश्यक है।
अतः मुख्यमंत्री को यह अधिकार होना चाहिए कि मुख्य सचिव के
चयन में अधिकारियों पर विश्वास को वरीयता दे। इस संदर्भ में प्रथम प्रशासनिक सुधार
आयोग द्वारा यह सिफारिश की गयी यानि कि मुख्य सचिव का चयन अत्यधिक सावधानी से किया
जाना चाहिए तथा वरिष्ठता के साथ-साथ योग्यता, ईमानदारी निषपक्षता तथा प्रभावशीलता इत्यादि पर भी ध्यान
दिया जाना चाहिए।
ताकि राज्य की समस्त अधिकारी के नजर में उनका प्रभावशाली
व्यक्तित्व एवं सम्मान स्थापित हो सके।मुख्य सचिव का पद भारत सरकार के सचिव के
समतुल्य होताहै यानि उन्हें वही वेतन भत्ता एवं सुविधाएँ प्रदान की जाती है जो
भारत सरकार के सचिव के
लिए निर्धारित है। मुख्य सचिव का पद अवधि प्रणाली के मुक्त है। सामान्य रूप से मुख्य सचिव अपने पद पर
से ही सेवानिवृत्त हो
जाते हैं, किंतु यदि उनका
कार्यकाल शेष हो तो उन्हें केंद्र में सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिनियुक्त कर दिया जाता है।
मुख्य सचिव के कार्य- मुख्य सचिव राज्य प्रशासन की धुरी के रूप में कार्य करता है तथा संपूर्ण प्रशासनिक क्रियाकलाप के सुगम संचालन एवं दक्षता के लिए उत्तरदायी है। समान्य रूप से मुख्य सचिव निम्नलिखित भूमिकाओं का निर्वाह करता है-
1.मंत्रीमंडल के सलाहकार के रूप में- मुख्य सचिव राज्य मंत्रीमंडल का प्रमुख
सलाहकार एवं प्रमुख सचिव है तथा मंत्रीमंडल के सचिव के रूप में
निम्नलिखित प्रकार का कार्य करता है-
a. मंत्रीमंडल के बैठक का एजेंडा तैयार करना (C.M. के परामर्श से)
b. मंत्रीमंडल के बैठक की सूचना प्रसारण करना एवं बैठक की व्यवस्था करना तथा C.M. के निर्देशानुसार कैविनेट
मंत्रीयों को छोड़कर अन्य मंत्रियों को बैठक में भाग लेने के लिए निमंत्रण भेजना।
c. मंत्रीमंडल के बैठक की
कार्यवाही का रिकार्ड रखना तथा बैठक में आवश्यक तथ्य
एवं आंकड़ों को प्रस्तुत करना ।
d. मंत्रीमंडल के निर्णयों को संबंधित विभागों तक प्रेषित करना
।
2.राज्य प्रशासन के समन्वयक के रूप में- सचिव राज्य सचिवालय का प्रधान अधिकारी होता है तथा सभी विभागों के मध्य समन्वयक की भूमिका का निर्वाह करता है। उन्हें किसी भी विभाग के किसी भी मामले में पदावली के निरीक्षण का अधिकार प्राप्त है तथा अंतर विभागीय मामलों का समाधान मुख्य सचिव द्वारा किया जाता है।
मुख्य सचिव राज्य के सचिवों की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा विभिन्न विभागों के मध्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है। मुख्य सचिव जिला एवं क्षेत्रीस अधिकारियों के बैठक की अध्यक्षता करता है तथा इसके माध्यम से जिला एवं क्षेत्रीय प्रशसन के संदर्भ में भी समन्वयक की भूमिका का निर्वाह करता है।
मुख्य सचिव केन्द्र एवं राज्य सरकार के मध्य संचार के
माध्यम के रूप में कार्य करता है तथा अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाने में तथा गतिरोधों को दूर करने में मुख्य सचिव
की भूमिका प्रभावी होती है।
3. कुछ विभागों के प्रधान के रूप में- मुख्य सचिव राज्य के कुछ महत्वपूर्ण विभाग के प्रधान के रूप में भी कार्य करते हैं। सामान्यतः सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्य सचिव के प्रत्यक्ष नियंत्रण में ही संचालित होता है तथा कई राज्यों के योजना विभाग, कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधकार विभाग इत्यादि मुख्य सचिव के प्रत्यक्ष नियंत्रण में ही संचालित होते हैं।
सामान्य रूप से
मुख्य सचिव का उतरदायित्व उन विभागों में विशेष सचिव अथवा अतिरिक्त सचिव द्वारा निर्वाह किया
जाता है। लेकिन वे अधिकारी मुख्य सचिव के प्रत्यक्ष निर्देशन एवं नियंत्रण में कार्य करते हैं।
4. राज्य लोक सेवाओं के अध्यक्ष के
रूप में- मुख्य सचिव राज्य के लोक सेवाओं का अध्यक्ष के रूप में
कार्य करता है क्योंकि वह लोक सेवाओं एवं सरकारी अधिकारियों का नेतृत्वकर्त्ता होता
है तथा उनसे संबंधित समस्याओं सेवाभर्ती एवं कार्यों पर नजर रखता है तथा सरकारी सेवा वर्ग की नियुक्ति, स्थानांतरण, पद विमुक्ति इत्यादि की
शक्तियां उसमें निहित होती है।
राज्य के लोक
सेवकों के मध्य नैतिकता उत्साह, मनोबल को संचालित करने का उत्तरदायित्व मुख्य सचिव का है तथा साथ
ही साथ लोक सेवाओं के
कार्यालयी समस्याओं के समाधान के लिए भी मुख्य सचिव कार्य करता है।
5. राष्ट्रपति शासन के दौरान
सर्वप्रमुख शासनकर्ता के रूप में- राज्य में
राष्ट्रपति शासन के लागू होने से मंत्रीमंडल विघटित हो जाते हैं तथा इस स्थिति में राज्यपाल को आवश्यक
सहायता एवं सलाह मुख्य सचिव द्वारा ही प्रदान किये जाते हैं।
यद्यपि राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल की सहायता एवं सलाह के लिए सलाहकार की
नियुक्ति की जाती है। जो केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किये जाते हैं। लेकिन सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में
मुख्य सचिव की भूमिका प्रभावशाली होती है तथा सभी सचिवालीय विभाग उनके निर्देशन में ही कार्य
करते हैं।
मुख्य सचिव का पद राज्य के प्रशासनिक पद सोपान में वरिष्ठतम एवं सबसे
महत्वपूर्ण पद है। 1973 से पूर्व
अलग-अलग राज्यों में इनकी पदस्थिति भिन्न-भिन्न सोपान में थी। लेकिन 1973 से एकरूप पद-सोपान स्वीकार कर लिया
गया तथा प्रशासनिक पद सोपान का राज्य का सर्वोच्च पद मुख्य सचिव का पद हो गया।
मुख्य सचिव कई अलग-अलग भूमिकाओं में
अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करता है तथा राज्य मंत्रीमंडल के एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के
रूप में कार्य करता है यानि राज्य के वास्तविक प्रधान से प्रत्यक्ष एवं निकट का संपर्क स्थापित करता है।
अतः राज्य प्रशासन में सर्वाधिक शक्तिशाली प्रशासनिक पद के रूप में मुख्य सचिव
का पद विद्यमान है।
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