"स्पाइनल कॉर्ड क्या है? संरचना, कार्य, बीमारियां और बचाव"
स्पाइनल कॉर्ड (Spinal Cord) – पूरी जानकारी
1. परिचय
स्पाइनल कॉर्ड (Spinal Cord) हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central Nervous System – CNS) का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिमाग (Brain) और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच एक मुख्य संचार मार्ग (Communication Pathway) के रूप में काम करता है। सरल भाषा में कहें तो, दिमाग और शरीर के बीच सारे संदेश स्पाइनल कॉर्ड के ज़रिए आते–जाते हैं।
यह एक लंबी, पतली, और नली के आकार की संरचना है जो वर्टिब्रल कॉलम (Vertebral Column) यानी रीढ़ की हड्डी के अंदर स्थित होती है।
2. संरचना (Structure)
स्पाइनल कॉर्ड की लंबाई औसतन 40-45 सेंटीमीटर होती है और यह लगभग उंगली जितनी मोटी होती है।
यह तीन मुख्य परतों से सुरक्षित रहती है, जिन्हें मेनिंजेस (Meninges) कहा जाता है:
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ड्यूरा मेटर (Dura Mater) – सबसे बाहरी, मजबूत परत
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अरैक्नॉइड मेटर (Arachnoid Mater) – बीच की पतली और जालीदार परत
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पिया मेटर (Pia Mater) – सबसे अंदरूनी, स्पाइनल कॉर्ड से चिपकी हुई परत
3. कार्य (Functions)
स्पाइनल कॉर्ड के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
a) संदेशों का आदान-प्रदान
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सेंसरी मैसेज (Sensory Messages): शरीर से मस्तिष्क तक संवेदना से जुड़ी सूचनाएं भेजना (जैसे दर्द, तापमान, छूने का अहसास)।
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मोटर मैसेज (Motor Messages): मस्तिष्क से शरीर की मांसपेशियों तक आदेश भेजना (जैसे हाथ-पैर हिलाना)।
b) रिफ्लेक्स क्रियाएं (Reflex Actions)
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बिना मस्तिष्क के हस्तक्षेप के, स्पाइनल कॉर्ड त्वरित प्रतिक्रिया देता है।
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उदाहरण: अचानक गरम चीज़ को छूने पर हाथ तुरंत खींच लेना।
4. स्पाइनल कॉर्ड के भाग (Parts)
स्पाइनल कॉर्ड को मुख्य रूप से चार हिस्सों में बांटा जाता है:
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सर्वाइकल (Cervical) – गर्दन का हिस्सा (C1 से C8)
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थोरासिक (Thoracic) – छाती का हिस्सा (T1 से T12)
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लम्बर (Lumbar) – कमर का हिस्सा (L1 से L5)
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सैक्रल (Sacral) और कॉक्सीजियल (Coccygeal) – श्रोणि और रीढ़ के निचले हिस्से में
5. स्पाइनल नर्व्स (Spinal Nerves)
स्पाइनल कॉर्ड से 31 जोड़ी नर्व्स निकलती हैं।
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ये नर्व्स शरीर के अलग-अलग हिस्सों को दिमाग से जोड़ती हैं।
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हर नर्व में सेंसरी फाइबर्स और मोटर फाइबर्स होते हैं।
6. स्पाइनल कॉर्ड की बीमारियां और चोटें (Diseases & Injuries)
स्पाइनल कॉर्ड में चोट या बीमारी से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
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स्पाइनल कॉर्ड इंजरी (SCI) – दुर्घटना या गिरने से हो सकती है
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मायलाइटिस (Myelitis) – सूजन या संक्रमण
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डिस्क हर्नियेशन (Herniated Disc) – नर्व्स पर दबाव
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स्पाइनल ट्यूमर (Tumor) – कैंसर या गैर-कैंसर ग्रोथ
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पैरालिसिस (Paralysis) – शरीर के कुछ हिस्सों का लकवा
7. देखभाल और सुरक्षा (Care & Safety)
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सड़क पर वाहन चलाते समय हेलमेट और सेफ़्टी गियर पहनें
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सही मुद्रा (Posture) में बैठें और उठें
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भारी सामान उठाते समय सावधानी रखें
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एक्सरसाइज और योग से रीढ़ की सेहत बनाए रखें
8. निष्कर्ष
स्पाइनल कॉर्ड हमारे शरीर का जीवनरेखा जैसा हिस्सा है। इसकी देखभाल करना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि एक छोटी सी चोट भी जीवनभर की परेशानी बन सकती है। यह दिमाग और शरीर के बीच ब्रिज का काम करता है और हमारे हर आंदोलन, हर अनुभूति और हर प्रतिक्रिया में इसकी भूमिका होती है।
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