"उड़ान से पहले ज़िंदगी की कीमत समझो" ||Plane crash hindi story

 

✈️ हिन्दी कहानी: "एक सीट नंबर जो अब खाली है…"

📝 शीर्षक: प्लेन उड़ाने से पहले ज़िंदगी की कीमत समझो
📜 विवरण: एक आम इंसान की सोच से निकली कहानी – तकनीक की तेज़ी से पहले सुरक्षा की गहराई को समझने की जरूरत पर आधारित।


                                                                                 

   

 1. सपना उड़ान का…

अहमदाबाद की एक गर्म दोपहर थी। कविता अपने जीवन की पहली फ्लाइट पर जाने वाली थी। माँ से कहा –

"अब तो प्लेन से जाऊँगी माँ, बस में घंटों की ठकावट नहीं होगी…"

माँ ने आशीर्वाद देते हुए माथा चूमा:

"बेटा, बस सुरक्षित लौट आना।"

कविता की मंज़िल सिर्फ एक शहर नहीं थी, एक नया करियर, एक नई जिंदगी उसकी प्रतीक्षा कर रही थी।

2. वहीं एक और कहानी – अर्जुन की

अर्जुन एक मध्यमवर्गीय परिवार से था। उसने वर्षों की बचत से अपनी माँ के इलाज के लिए शहर जाना था। पहली बार उसने हिम्मत करके फ्लाइट का टिकट लिया।

"माँ अब नहीं रोएंगी… बड़े अस्पताल में इलाज होगा…"

3. फिर आई वो खबर…

टीवी चैनलों पर Breaking News चल रही थी:

"अहमदाबाद से उड़ने वाला विमान तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त… यात्रियों की संख्या 65… जीवित बचने की पुष्टि नहीं हुई…"

अखबारों की हेडलाइन बनी, सोशल मीडिया पर लोग दुखी हुए, कुछ दिनों बाद सब कुछ शांत हो गया।

पर उन घरों में अब भी एक कुर्सी खाली है, जो फिर कभी नहीं भरेगी।

4. सवाल एक ही है – क्या ज़िंदगी इतनी सस्ती है?

एक बेटा अपनी माँ के इलाज के लिए गया था,
एक बेटी अपने सपनों को पूरा करने।

अब दोनों सिर्फ तस्वीरों में मुस्कराते हैं।

“क्या विमान उड़ान से पहले उसकी गहराई से जांच होती है?”
“क्या हर तकनीकी परीक्षण केवल कागजों में होता है?”
“क्या कोई ज़िम्मेदार कभी ज़िम्मेदारी लेता है?”

5. कहानी किसी एक की नहीं…

हर साल दुनिया भर में दर्जनों विमान दुर्घटनाएं होती हैं।
कुछ तकनीकी खराबी से, कुछ लापरवाही से।
और अंत में – नुकसान सिर्फ आम आदमी का होता है।

6. एक सोच… जो बदलनी चाहिए

“हम चाहते हैं विकास…
पर उस विकास में अगर सुरक्षा नहीं है, तो वो विनाश है।”

जहाँ पहले उड़ान भरने से पहले सौ बार सावधानी ली जाती थी, अब सिर्फ समय और मुनाफा देखा जाता है

"वो लोग जिन्हें बचाया जा सकता था, उन्हें खो दिया सिर्फ इसलिए कि हमने सावधानी को मज़ाक समझ लिया।"

7. कविता की माँ अब रोज एक थाली ज्यादा परोसती हैं…

पर वो सीट नंबर 17A फिर कभी नहीं भरेगा।

✍️ सीख:

तकनीक ज़रूरी है, पर ज़िंदगी उससे भी ज़्यादा।
पहले सुरक्षा, फिर उड़ान।                                                                          || Thank you||

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