सरकारी नौकरी और प्यार | ( कहानी )| government job and love ( Story )

सरकारी नौकरी और प्यार

सरकारी नौकरी और प्यार


हमारे समाज में सरकारी नौकरी का महत्व इसी से पता चलता है की जब सौ सीटों की वकेंसी आती है तो उसके लिए दस लाख लोग फॉर्म भरते है | यहाँ तो ऑफिस में पानी पिलाने वालें की भी जब वकेंसी आती है तब बीटेक ,एमटेक वाले लोग अप्लाई करते है जब की इसके लिए सिर्फ सातवीं पास चाहिए |

ये कहानी है उत्तर प्रदेश की है ,जहाँ अमित नाम का लड़का ☺ रहता था वैसे नाम से कोई फर्क पड़ता है नही क्युकी की ऐसे हजारों लोग है जो ऐसे ही दुःख और पीड़ा से गुजरते है | मिडिल क्लास परिवार की भी एक अलग ही कहानी है ,यहाँ तो बचपन से ही रेस लग जाता  है की अगर ज्यादा नम्बर नही लाओगे , तो अच्छे कॉलेज में एडमिशन नही होगा , और फाइनली जॉब अच्छी नही लगेगी |

हमारे देश के मिडिल क्लास परिवार में प्राइवेट जॉब का वैसे तो कोई खास इम्पोर्टेंस हैं नही , अगर जब कोई सरकारी नौकरी नही ले पता है तब वो थक – हार कर इसमें आता है |

तब तो आपलोग समझ ही गये होगे की ये फर्स्ट चॉइस नही लास्ट है | वैसे भी हमारे नार्थ इंडिया में अगर सरकारी दूल्हा है तो उसका रेट भी फिक्स होता है ,की कौन कितना दहेज लेगा | यहाँ बस सरकारी नौकरी लगी नही की उधर उनके घर पर लोगों का आना जाना शुरू हो जाता है | वैसे ठीक भी सरकारी नौकरी मतलब L.I.C. यानि की जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी |

आजकल के माँ बाप बहुत ही प्रेक्टिकल हो गये है , वो जानते है की ये प्यार – व्यार कुछ नही होता है बस अपनी जाति का सरकारी नौकरी वाला लड़का मिल जाये बस , फिर क्यों न अपनी पूरी जिन्दगी की जमा पूंजी लग जाये और आज  कल का फैशन भी है थीम वेडिंग का उसके लिए बैंक से कर्ज क्यों न लेना पड़ जाये | खूब ताम झाम से ये दिखावटी शादी करेगे ,और अगर गलती से ये शादी नही निभी तो फिर क्या डाइवोर्स केस करो उसमे कोर्ट तो लड़की को मेंनटेन्नस देगा ही |

और कही गलती से लड़का भगवान को प्यारा हो गया तो फिर , लड़की को अनुकम्पा पर कोई न कोई जॉब लग ही जाएगी | और अगर लड़का ये दोनों हादसों से बच गया तो लाइफ और भी ज्यादा सेट है | रिटारर्मेंट के बाद तो पेनशन मिलेगी इसमें भी एक फायदा है अगर पति चल बसा तो पेनशन  तब तक मिलेगी जब तक पत्नी जिन्दा है | यानि की माँ –बाप बिजनेश वालों से कम नही सोंचते है |

और सबसे बड़ी बात समाज में सीना चौड़ा करके बोल सकेगे की हमारा दमाद फलना डिपार्टमेंट में काम करता है |

तो अब आप लोग ही बताइए की इतना फायदा होने के बाद कोई माँ – बाप अगर कर्जा ले तो कोई घाटे का सौदा तो नही है | फिर क्यों- न पूरी जिन्दगी उस कर्ज का ईएमई भरते  रहे |

तो ये कहानी है अमित की जिसके बारे में मैंने आपको बताया था | मीडियम परिवार से है तो आप लोग समझ ही गये होगे , की क्या हालत होगे | जैसे ही ग्रेजुएट हुआ चल पड़ा रेस में, रेलवे में हमेशा वेकेंसी दस हजार से ज्यादा होती है ,तो सारे बच्चे या कहें  की अधिकतर बच्चे  उसी की  तैयारी करते है फॉर्म भी लाखो नही कड़ोरों में भरा जाता है |

ये जो कॉम्पटिसन का उम्र है न , वही उम्र कही – न- कही किसी को जाने – अनजाने किसी को पसंद 💕 करने का  भी है या ये कहें की पसंद आ जाने का  है | अमित को नैना से प्यार हो गया जो की आम बात है , हो ही जाता है | परेशानी प्यार करने की नही इतने कठिन कॉम्पटीशन के साथ ताल मेल बिठाने की है |

जब हम इस एग्जाम  की पहली बार तैयारी शुरू करते है तब पूरा टाइम टेबल बना लेते है की कब पीटी होगा फिर मैन्स और आखिर में  फाइनल सलेक्शन सब हम एक ही साल में सपने देख लेते है | लेकिन हकीकत ये सब से अलग होता है , एक सिर्फ पीटी के एग्जाम का रिजल्ट में ही तीन से चार साल लग जाते है | तब तक लोगों में डिप्रेशन आने लगता है और उम्र थोड़े  न रुकता है |

वैसे ही अमित के साथ हुआ शुरू में वो 👏 ख़ुशी –ख़ुशी रेलवे की तैयारी करने लगा और साथ में नैना के साथ शादी के भी सपने देखने लगा  , जब वो पहली बार एग्जाम  दिया तो उसका उसमें नही हुआ | थोड़ी निराशा हुई पर क्युकी पहली –बार था तो परिवार वाले भी समझते थे की कोई नही अलगी बार हो जायेगा |

इधर नैना भी अपने पापा को अमित के बारे में बता दी थी क्युकी उसकी माँ नही थी तो उसके पापा उस पर किसी तरह का दवाब नही डालना चाहते थे , फिर तो उन्हें पता ही था की लड़का पढ़ने में अच्छा  है रेलवे की तैयारी करता है , तो हो ही जायेगा |

क्युकी की पहला एग्जाम  का रिजल्ट आने में तो दो साल लग गये थे , मन में तो अब अमित के बैचनी शुरू हो गई थी | पहले तो वो अपने कोचिंग में अपने सीनियर भैया लोगों को चिढ़ता था की एक एग्जाम  निकलने में इतना टाइम लगता है मै तो तुरंत ही निकाल लुगा | उसको क्या पता था की उसके भी सपने इस सिस्टम के भेट चढ़ने वाले है | अब के समय में भारत में बेरोजगारी एक महामारी की तरह फ़ैल गई है , और वो भी एक भीड़ का ही हिस्सा है |

अमित ने जब दूसरी बार फॉर्म भरा तो उसके लिए वो दिन – रात पागलों की तरह पढ़ाई करने लगा न खानें की फ़िक्र , न सोने का   , नैना से न मिलना न बात करना बस एक उम्मीद की ये एग्जाम  क्लियर हो जाये फिर सारे सपने पुरे हो जायेगे | घरवाले भी ये देखकर सोचते थे की चलों इस बार तो पक्का हो जायेगा | अमित ने एग्जाम  दिया और रिजल्ट आने का इंतज़ार करने लगा |

अब जैसे – जैसे टाइम बीतता जाता  नैना के पापा नैना से शादी के बारे में पूछते तब नैना बोलती की अमित का रिजल्ट आने दीजिये , उसका सलेक्शन पक्का हो जायेगा | ये रिजल्ट  भी न बंद मुट्ठी की तरह होती है जब तक बंद है तब तक कीमती है और जैसे की वो खुल जाये उसकी कोई किम्मत नही होती है |

इधर जैसे – जैसे रिजल्ट आने में देरी हो रही थी , घरवालों का भी बर्दाश करने की क्षमता कम होते जा रहा था | बार – बार न्यूज़ देखना इन्टरनेट पर सर्च करना अमित जैसे लडकों का पार्ट-टाइम जॉब बन गया , जो धीरे –धीरे कब फुल टाइम जॉब बन जाता है पता ही नही चला  | इसी बीच लडकों ने सरकार के खिलाफ आन्दोलन भी किया | लेकिन हमेशा की तरह आश्वाशन मिला |

नैना और अमित के बीच प्यार वाली बाते कम और ये रिजल्ट वाली बाते ज्यादा होती थी की कब रिजल्ट आएगा  फाइनली चार सालों के बाद वो दिन आ गया और ये दिन उन स्टूडेंट्स के लिए किसी त्योहार से कम नही होता ,सब जगह सिर्फ इसी की चर्चा कोचिग वालें अपना ही गुणगान करने लगते की हमारे यहाँ  से इतने सिलेक्शन हुआ है जिससे की बाकि स्टूडेंट्स भी वहाँ पढ़ने आये |

अमित ने नैना को फ़ोन करके बुलाया की तुम मेरा रिजल्ट देखो ,उसे पक्का यकीन था की उसका सलेक्शन हो जायेगा  ये सिर्फ फोर्मेलटी है  | नैना सवेरे –सवेरे ही पहुच गई और साईट खुलने का दोनों बेसब्री से इंतज़ार करने लगे क्युकी कल रात से ही सभी के बीच ये रिजल्ट  का  न्यूज़ जंगल की आग की तरह फ़ैल गई थी की रिजल्ट सवेरे आने वाला है |

जैसे – जैसे नैना अमित का रोल नंबर उसमे डाल कर सर्च का बटन दबाई दोनों की धडकने जोरों से धड़क रही थी मन में ये उम्मीद सौ फीसदी थी की हो जायेगा | लेकिन जैसे ही वेबसाइट पर नो रिजल्ट फाउंड बताया दोनों की धड़कने कुछ समय के लिए धडकना बंद कर दिया | अमित के आँखों के आगे अंधेरा छा गया , उसकों इस बात का टेंशन ज्यादा था की अब लोग, घरवाले ,दोस्त और नैना के पापा क्या बोलेगे |

यही सबसे बड़ी समस्या हमारे समाज की है , हमको अपने से ज्यादा ये सोचना पड़ता है की लोग क्या कहेगे , जबकि एक दिन के बाद वो सब भूल जायेगे फिर सिर्फ हम और हमारी असफलता होगी | फिर भी डर उन्ही लोगों के बातों से होता है |

इधर जब ये बात नैना के पापा को पता चली तो वे उसके लिए लड़के की खोज शुरू कर दिए और करते भी क्या वो अपनी जगह सही थे , की कोई कब तक इंतेजार करेगा | और फिर उनके परिवार में उनके अलावा कोई था भी तो नहीं |

हमारे समाज में दो ही चीज सबसे ज्यादा मायने रखती है लड़के के लिए नौकरी और लड़की के लिए शादी बाकि सब बाद में आता है | जैसे –जैसे दिन ढल रहा था ये बात अमित के सभी जानने वालो को पता चल गया  और फिर फ़ोन कॉल आना शुरू हो गया ये सब में सबसे बुरा तब लगता है जब ये पता हो की नही हुआ है फिर भी उनको आपसे ही जानना है | फिर हमारी नाकामियों का कच्चा –चिठा खुल जाता है ये कर लेते वो कर  लेते वगैरा –वगैरा |

इन सब परेशानियों से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया | और फिर बैठ गया गंगा के किनारे , जैसे ही फ़ोन बंद होता है इन्सान को लगता है की वो सारी परेशानियों से दूर हो गया , ये सब कुछ समय के लिए ही होता है | नदी को देखते हुए वो सोचता है की वो न जाने कितनी दूरी तय करके यहाँ  आती है |

अनगिनत लोग इसमें नहाते है दिन भर भीड़ रहती है और पानी कितना गन्दा हो जाता है और जैसे जैसे शाम होती है रात होती है और फिर से पानी साफ हो जाती है और ये सब चलता रहता है | जैसे की लोगों के न जाने कितने ही सपने टूटते है फिर भी वो उम्मीद और सपने देखना नही छोड़ता है | शाम को गंगा आरती शुरू हो गई ,लेकिन अमित अपने ही मन के शोर में खो गया की उसे  बाहर की कोई बात सुनाई नही दे रही थी |

कब नैना आई और बगल में बैठ गई उसे पता भी नही चला , नैना ने उसे पूछा की आगे क्या करना है | अमित ने भरी मन से बोला की जो तुम्हारे पापा बोल रहे है वो करो , क्युकी अभी तुम्हारे लिए वही सही रहेगा | मै तुम्हें भगा कर नही ले जाऊगा ये गलत है और तुम्हारे पापा को सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ेगा वो मै कभी नही कर सकता  | इतने साल वो तुम पर , मुझ पर भरोसा कर रहे थे ये मुझसे नही होगा |

ये सुनते ही वो बोली रहना मुश्किल होगा किसी और के साथ , कैसे रहूगी ,

क्युकी जिन्दगी में एक गलत समझोता हमसे ,सौ गलत समझोता करवाता है |

अमित बोला की कभी –कभी हमें ऐसे फैसले लेने पड़ते है जो अभी तो मुशकिल लगते है लेकिन बाद में इसकी अच्छाई का पता चलता है | तुम्हारे पापा इतने समय तक तुमपर भरोसा किये अब तुम्हारी बारी अब तुम करो उन पर | कभी – कभी प्यार करने वालों में दोनों में से कोई बेवफा नही होता फिर भी लोग छुट जाते है | 👇

भूखा पेट, टूटा दिल और बेरोजगारी के दिन ,

ये आपको जिन्दगी के सबसे बेहतरीन सबक़ सिखा जाते है |

ये दिन अमित के जीवन का वो दिन था जब बहुत सारी चीजे उसे एक साथ समझ आ रही थी और छुट भी रही थी  | कैरियर ,स्टडी, परिवार, समाज, प्यार करना उसे न पाने की टिस | शायद कुछ सालों बाद उसे  सब कुछ फिर से मिल जाये , पर क्या प्यार मिल पायेगा | ये किस्से कहानियों में कितनी आसानी से सफलता पाना फिर प्यार पाना बता देते है | लेकिन हकीकत में ये कितना मुश्किल है |

नैना चली गई वहाँ से भी और उसके जिन्दगी से भी , पर क्या ये याद जा पायेगी शायद नही पूरी जिन्दगी नही | अमित देर रात घर आया सोच रहा था सब उसका इंतेजार कर  रहे होगे , उसकों खरी- खोटी सुनाने को लेकिन ऐसा नही हुआ | दरवाजा उसकी माँ खोली पूछी खाना खाओगे उसने बोला नही , फिर वो सोने के लिए चला गया |

उसे आश्चर्य हुआ की माँ कुछ नही बोली , घर के लोग शायद इंतज़ार करते –करते सो गये होगे | कल सवेर बोलेगे ये सोचते –सोचते उसे कब नींद आ गई पता ही नही चला | सवेर हुआ सब कुछ बदला –बदला सा था जैसे कुछ हुआ ही नही कोई उसके रिजल्ट के बारे में नही पूछा |

सब अपने काम में पहले की तरह लगे हुए थे , अमित के पापा उसके कमरे में आकर उससे बोले बेटा ये जिन्दगी बहुत से कहानियों का गुच्छा है | हार –जीत सफलता असफलता लगा रहता है , बस इन्सान को अपने कर्म करते रहने चाहिए | ये बोल कर  वो चले गये , वो सोचने लगा की सही तो है मै ये नौकरी को अपनी पूरी जिन्दगी मान लिया था ये तो सिर्फ एक हिस्सा है मेरे जीवन का |

दोपहर को अमित का दोस्त आया और उसने बताया की पड़ोस के विजय ने रेलवे के पीटी में नही होने पर फांसी लगा कर  आत्महत्या कर ली है  | तब वो समझा की उसके घरवालों का स्वभाव क्यों बदला – बदला है | उसने निर्णय किया की वो एक अलग तरीके से अपनी लाइफ फिर से शुरू करेगा उसने प्राइवेट नौकरी ढूढना शुरू किया |

उसको एक खाना डिलीवरी बॉय की नौकरी मिली | उसने उसे करना शुरू किया और साथ में अपनी पढ़ाई जारी रखी | लेकिन इस बार वो साथ में टेक्नीकल स्टडी भी करने लगा जिससे की वो अलग अलग सरकारी विभाग में नौकरी कर सके |

ये सब करते –करते तीन साल गुजर गये फिर भी सरकारी सिस्टम वैसे का वैसा ही रहा | लेकिन इसबार जब टेक्निकल जॉब का रिजल्ट आया उसमे उसका सलेक्शन हो गया | और उसका सरकारी नौकरी का पाने का सपना पूरा हो गया | अब घरवाले ,दोस्त, रिश्तेदार सब बधाइया देने लगे | 😎

लेकिन अब अमित को इनसब चीजों से कोई फर्क नही पड़ रहा था , मन ही मन सोच रहा था अब सब कुछ है पर नैना के बिना सब कितना अधुरा सा लग रहा है |

खामोशियां बोल देती है, जिनकी बाते नहीं होती,

इश्क वो भी करते हैं, जिनकी 😞मुलाकाते नहीं होती।

वो कुछ दिनों बाद भारी मन से दुसरे शहर जॉब करने चला गया | एक दिन उसने अपने ऑफिस में नैना को देखा उसने सोचा की इतने साल हो गये है अब तो उसकी शादी भी हो गई होगी |

वो फिर भी हिम्मत करके उसके पास जाकर उससे बात की नैना ने जब उसको देखा तो वो ख़ुशी से रो पड़ी | बातों – बातों में पता चला की उसने अभी तक शादी नही की और वो अभी भी उसी का इंतज़ार कर रही थी |

वो तुरंत उसके पापा से जाकर अपने और नैना की शादी की बात की और फिर इतने लम्बे सालों के इन्तेजार के बाद दोनों की शादी हो गई | 💑

👉 किसी ने बिलकुल सच ही कहा है की....

    अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी

कायनात तुम्हे उससे मिलाने में लग जाती है | 🍂🍂

बस इन्सान को अपने कर्म करते रहना चहिये क्युकी बस यही एक चीज आपके हाथ में है |



                                         

 

 

 

 


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