JPSC MAINS NOTES पेपर 6 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास टॉपिक (भारतीय उद्योगों में आधुनिक प्राद्योगिकी ) Q&A हिंदी में फ्री पीडीएफ डाउनलोड

 

JPSC MAINS EXAM NOTES


झारखण्ड लोक सेवा आयोग (JHARKHAND PUBLIC SERVICE COMMISSION (JPSC)

 सेलेबस पर आधारित क्वेश्चन आंसर राइटिंग ( syllabus based mains question answer writing )



प्रश्न : भारतीय उद्योगों में आधुनिक प्राद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन करें ।


उत्तर- उद्योगों की स्थापना या उत्पादन की प्रक्रिया को आरंभ करने के लिए पूँजी,कच्चामाल, श्रम, बाजार एवं उद्यम के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका होती है । भारतीय उद्योगों में आधुनिक प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन निम्न बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है-

(i) राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम सार्वजनिक क्षेत्र का एक मात्र उपक्रम है जो पूर्णत: अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं से उद्योगों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करता है । इसके सहयोग से जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स अभियांत्रिकी, रासायनिक एवं मेटलर्जी से सम्बद्ध उद्योग लाभान्वित हो रहे हैं ।

(ii) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद केन्द्र सरकार की एक स्वायत्त संस्था है जो उद्योगों के विकास के लिए औद्योगिक क्षेत्र को प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराती है । इस संस्थान के पास सम्पूर्ण देश में 40 प्रयोगशालाओं एवं 80 विस्तार केन्द्रों का नेटवर्क है ।

इस संगठन ने औद्योगिक मशीनरी के लिए माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स से धातु-विज्ञान, औषधीय पादप से औद्योगिक उपकरणों तक के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं । नवीन औषधियों, कृषि-प्रौद्योगिकी, पेट्रो-रसायन और पेट्रोपरिशोधन आदि आधुनिकता क्षेत्रों में यह संस्थान अनुसंधान एवं अनुप्रयोग संबंधी गतिविधियों में संलग्न है ।

(iii) वैज्ञानिक एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओं के अनुरूप विशिष्ट लक्ष्यों पर आधारित अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं एवं इनमें पर्याप्त सफलता भी मिली है। विभाग के प्रयासों से पूंजीगत वस्तुओं के स्वदेशी उत्पादन एवं विकास को प्रोत्साहन मिला है एवं जरूरत के अनुरूप प्रौद्योगिकी का अवग्रहण एवं अनुकूलन हुआ है ।

 वर्तमान में इस विभाग से मान्यता प्राप्त 1000 अनुसंधन और विकास इकाइयां हैं। इन इकाइयों द्वारा रसायनों, औषधियों, वैद्युतीय एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, उत्प्रेरकों, संयंत्रों आदि का प्रर्याप्त विकास किया गया है । वस्त्र एवं अन्य उद्योगों के लिए भी स्वदेशी उत्पादन प्रक्रियाएं विकसित की गई है ।

(iv) केन्द्रीय इलेक्टॉनिक लिमिटेड तीन क्षेत्रों की औद्योगिक गतिविधियों को सहायता पहुँचाता है-

-इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

-विशिष्ट इलेक्ट्रानिक प्रणाली

-सौर फोटोवोल्टेइक सेल

(v) सरकार द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं निर्यात प्रोत्साहन-सरकार निर्यात में वृद्धि के लिए उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता में वृद्धि हेतु आधुनिक प्रौद्योगिकी तक भारतीय उद्योगों की पहुँच को सुनिश्चित करने के प्रयास करती है। इस संदर्भ में निम्न प्रयास हुए हैं-


-अंतरिक्ष विभाग विकसित तकनीक का हस्तांतरण दूरसंचार कम्प्युटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन एवं पॉलीमर उद्योगों को करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

- BARC ने एक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समूह का गठन किया है। यह रसायन,धात्विक प्रक्रिया एवं रेडियोएक्टिव अनुप्रयोगों से संबंधित उद्योगों को प्रौद्योगिकी उपलब्धता करा रहा है ।

-सामुद्रिक विकास विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक विभाग आदि सम्बद्ध उद्योगों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के विकास एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया में संलग्न हैं।

-सरकार द्वारा उन्नत विदेशी प्रौद्योगिकी के आयात को भी प्रोत्साहित किया जाता रहा है।

उपर्युक्त बिन्दुवार विश्लेषणों एवं वर्णनों से स्पष्ट है कि भारतीय उद्योगों के विकास में आधुनिक प्रौद्योगिकी की निर्णायक भूमिका रही है ।



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